| 31. | मम भर्ता महातेजा वयसा पञ्चविंशकः ।।
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| 32. | मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ।।
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| 33. | उपद्रष्टानुमन्ता च भर्ता भोक्ता महेश्वरः ।
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| 34. | ललिताभिनयं तमद्य भर्ता मरुतां द्रष्टुमनाः सलोकपालः।।
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| 35. | कारण और निवारण कर्ता, भर्ता, संहर्ता है |
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| 36. | कर्ता, भर्ता, धर्ता तुम ही संहारी॥ हरहर..
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| 37. | तुम हो जग की माता तुम ही हो भर्ता ।
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| 38. | पिता रक्षति कौमारे, भर्ता रक्षति यौवने।
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| 39. | एको भर्ता स्त्रिया देवैर्विहित: कुरुनन्दन, इयं त्वनेकवशगा बन्धकीति विनिश्चिता।
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| 40. | कौन आह ठन्डी भर्ता है, दूर कोई जब हो जाता है?
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