यह सच है कि सिर्फ हाथ उठाना ही हिंसा के अंतर्गत नहीं आता, तंज कसना, भला-बुरा कहना, नीचा दिखाना, जलील करना, दहेज़ के लिए ताने कसना, माता-पिता को अपशब्द कहना...
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लक्ष्मण ने यद्यपि सीता को बहुत समझाया कि यह आवाज राम की नहीं है, क्योंकि उन्हें मारने वाला इस संसार में कोई नहीं है, किन्तु स्त्रियोचित स्वभाव के वशीभूत होकर सीता ने लक्ष्मण को भला-बुरा कहना शुरू कर दिया।
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और मैंने तपाक से उसके मुंह की बात छीनकर कर उसे भला-बुरा कहना शुरू कर दिया था, '' छि तुम्हें धूप पसंद है, मुझे तो बारिश पसंद है” और फिर उसने भी तुरंत मेरी बात को लपक कर कहा था, ‘'मुझे बारिश बिलकुल पसंद
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अभी तक बाबा का गुणगान करने वाले लालू यादव का अचानक बाबा के खिलाफ मैदान में आना और उन्हें भला-बुरा कहना इस बात का पुख्ता संकेत है कि बाबा की बढ़ती लोकप्रियता से न कांग्रेस, बल्कि अन्य राजनीतिक दल भी खौफ खाने लगे हैं।
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निक्की प्रतिदिन शाम को ठीक पांच बजे सामने पार्क में उस समय जाती जब कालोनी के और बच्चे भी वहां खेलने के लिए जमा होते, लेकिन वह थोड़ी ही देर में गुस्से में भरी वापस लौट आती और सभी बच्चों को भला-बुरा कहना शुरू कर देती।
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उषा जैन ‘ शीरी ' निक्की प्रतिदिन शाम को ठीक पांच बजे सामने पार्क में उस समय जाती जब कालोनी के और बच्चे भी वहां खेलने के लिए जमा होते, लेकिन वह थोड़ी ही देर में गुस्से में भरी वापस लौट आती और सभी बच्चों को भला-बुरा कहना शुरू कर देती।
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फिर तुर्रा यह कि कहाँ तक इस तरह के कृत्यों की भर्त्सना हो, इस तरह से सरेआम गाली देने को एक गलत कार्य माना जाए, हम लोगों में से कुछ ऐसे भी निकल कर सामने आये, जिन्होंने इस काम के लिए मुझे ही हड़काना, औकात दिखाना और भला-बुरा कहना शुरू कर दिया.
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एक बार की बात है-बाबा के एक भक्त ने बाबा की अनुपस्थिति में अन्य लोगों के सामने एक दोस्त की बात निकलते ही उसे भला-बुरा कहना शुरू कर दिया | उसके शब्द इतने बुरे थे कि उससे सभी को घृणा हुई | ऐसा देखने में आता है कि बिना वजह निंदा करने से विवाद ही पैदा होते हैं | पर ऐसे व्यक्ति को सही मार्ग पर लाने की बाबा की प्रणाली बड़ी विचित्र थी |
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एक दिन हम साथ-साथ शौपिंग करने गए, लौटते वक्त हमदोनों उसके मायके भी चले गए, अभी बैठे हुए कुछ ही देर हुई थी, कि मेरी सहेली की माता जी आ गयीं, आते साथ ही उन्होंने ने मेरी सहेली के, सारे ससुराल वालों को भला-बुरा कहना शुरू कर दिया, सास-ससुर, ननद, देवर, जेठ किसी को भी नहीं छोड़ा, यहाँ तक कि मेरी सहेली को भी डांटने लगीं, कि तुमने अपनी ननद को फलाँ चीज़ क्यूँ दी, अपनी सास को पैसे क्यूँ दि ए...