मरोड़ की फली, पलाश, छोह, भारक, मेढ़ासिंगी, करंजा, क्षीरवर्ग के कदि की भावना दिया गया खादार शक्कर का चूरा और उसका आधा लोध, चीता, वायविडंग, परम, मोथा, कलिंग, जौ, दारुहल्दी, कमल, सौंफ, चिचिड़ा, सतपर्ण आक का फूल को एकसाथ पीसकर चूर्ण बनाकर इकट्ठा करके एक मुट्ठी मसाला एक सारी परिमाण शराब में डालकर शराब को इस प्रकार साफ बनाया जाता था कि पीने वाले खुश हो जाते थे।