3 भाववाचक संज्ञा: जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों के गुण, दोष, धरम,अवस्था, भावादी का बोध होता है, वे भाववाचक संज्ञा कहलाते है
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3 भाववाचक संज्ञा: जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों के गुण, दोष, धरम,अवस्था, भावादी का बोध होता है, वे भाववाचक संज्ञा कहलाते है
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3. भाववाचक संज्ञा जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
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3. भाववाचक संज्ञा जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
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ईमानदारी आज हमारे देश में अत्यंत दुर्लभ भाववाचक संज्ञा हो गई है और उतने ही दुर्लभ हो गए हैं ईमानदार लो ग.
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3. भाववाचक संज्ञा जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
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3. भाववाचक संज्ञा जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
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हमने जाना-जो शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के गुण,दोष, दशा (हालत), धर्म, आदत (स्वभाव) या स्थिति कोबतलाएँ उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
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यह सारे शब्द भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun) के रूप हैं लेकिन इनमें से कई का प्रयोग क्रिया और विशेषण के रूप में भी होता है.
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जैसे-कलम, पुस्तक,दूध,कुर्सी,घर,विद्यालय,सड़क,बाग़,पहाड़,कुत्ता,हाथी,गाय,बैल आदि।३.भाववाचक संज्ञा:-जिस संज्ञा शब्द से किसी के गुण,दोष,दशा,स्वभाव,भाव आदि का बोध होता हो, उसे भाववाचक संज्ञा कहते है।