द्वारिका के पतन के बाद जो ज्ञाति-वंशी पश्चिमी देशों में चले गए वह भाषा भेद के कारण गाथ कहलाने लगे तथा ' जाट' जेटी गेटी कहलाने लगे।
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द्वारिका के पतन के बाद जो ज्ञाति-वंशी पश्चिमी देशों में चले गए वह भाषा भेद के कारण गाथ कहलाने लगे तथा ' जाट' जेटी गेटी कहलाने लगे।
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वर्णमाला सबकी एक है, भले ही प्रान्त-प्रान्त में आचार-भेद है, भाषा भेद है, पहराव अलग-अलग है, खान-पान भिन्न-भिन्न हैं, किन्तु कर्म और जन्मान्तर सभी मानते हैं।
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योग की लोकप्रियता का रहस्य यह है कि यह लिंग, जाति, वर्ग, सम्प्रदाय, क्षेत्र एवं भाषा भेद की संकीर्णताओं से कभी आबद्ध नहीं रहा है।
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इन सभी के भाषाई वैशिष्ट्य एवं भाषा भेद की पहचान ही हमें पत्रकारिता की हिंदी को संपूर्णता में आकलित, विवेचित एवं विश्लेषित करने की दृष्टि प्रदान कर सकती है।
36.
मलयालम भाषा के उद्रम के संबन्ध में आम विश्वास यह है कि उस युग में केरल में प्रचलित ' कोटुम तमिल' (शुद्ध तमिल) नामक भाषा भेद से मलयालम उत्पन्न हुई ।
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इन सभी के भाषाई वैशिष्ट्य एवं भाषा भेद की पहचान ही हमें पत्रकारिता की हिंदी को संपूर्णता में आकलित, विवेचित एवं विश्लेषित करने की दृष्टि प्रदान कर सकती है।
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मलयालम भाषा के उद्रम के संबन्ध में आम विश्वास यह है कि उस युग में केरल में प्रचलित ' कोटुम तमिल' (शुद्ध तमिल) नामक भाषा भेद से मलयालम उत्पन्न हुई ।
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वर्णमाला सबकी एक है, भले ही प्रान्त-प्रान्त में आचार-भेद है, भाषा भेद है, पहराव अलग-अलग है, खान-पान भिन्न-भिन्न हैं, किन्तु कर्म और जन्मान्तर सभी मानते हैं।
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द्वारिका के पतन के बाद जो ज्ञाति-वंशी पश्चिमी देशों में चले गए वह भाषा भेद के कारण गाथ कहलाने लगे तथा ' जाट ' जेटी गेटी कहलाने लगे. [2]