जब एक रेट्रोवायरस एक भोजनदायी कोशिका को संक्रमण करता है, तो यह अपने आरएनए को कुछ अन्य एंजाइमों के साथ भोजनदायी की कोशिका में छोड़ता है, ये एंजाइम हैं-रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेस और इंटिग्रेस.भोजनदायी कोशिका की आनुवांशिक सामग्री में जुड़ने से पहले ज़रूरी है की रेट्रोवायरस के आरएनए अणु अपने आरएनए अणु से डीएनए की एक नकल बनाएं जो भोजनदायी कोशिका की आनुवांशिक सामग्री में जुड़ सके.
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इन सभी वायरसों में से प्रत्येक में एन्वेलप प्रोटीन आवरण या एन्वेलप प्रोटीन कोशिका सतह अणुओं जैसे की हिपेरिन सल्फेट से जुड़े होते हैं, जो की उन्हें उनके सक्षम भोजनदायी के पास ले जाता है, और साथ ही उनपर प्रोटीन ग्राहक भी होते हैं जो या तो वायरस के प्रोटीन में प्रवेश करने में प्रोत्साहन देने वाली संरचना को प्रेरित करते हैं या वायरस के इंडोसोम
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जब एक रेट्रोवायरस एक भोजनदायी कोशिका को संक्रमण करता है, तो यह अपने आरएनए को कुछ अन्य एंजाइमों के साथ भोजनदायी की कोशिका में छोड़ता है, ये एंजाइम हैं-रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेस और इंटिग्रेस.भोजनदायी कोशिका की आनुवांशिक सामग्री में जुड़ने से पहले ज़रूरी है की रेट्रोवायरस के आरएनए अणु अपने आरएनए अणु से डीएनए की एक नकल बनाएं जो भोजनदायी कोशिका की आनुवांशिक सामग्री में जुड़ सके.
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जब एक रेट्रोवायरस एक भोजनदायी कोशिका को संक्रमण करता है, तो यह अपने आरएनए को कुछ अन्य एंजाइमों के साथ भोजनदायी की कोशिका में छोड़ता है, ये एंजाइम हैं-रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेस और इंटिग्रेस.भोजनदायी कोशिका की आनुवांशिक सामग्री में जुड़ने से पहले ज़रूरी है की रेट्रोवायरस के आरएनए अणु अपने आरएनए अणु से डीएनए की एक नकल बनाएं जो भोजनदायी कोशिका की आनुवांशिक सामग्री में जुड़ सके.
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जब एक रेट्रोवायरस एक भोजनदायी कोशिका को संक्रमण करता है, तो यह अपने आरएनए को कुछ अन्य एंजाइमों के साथ भोजनदायी की कोशिका में छोड़ता है, ये एंजाइम हैं-रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेस और इंटिग्रेस.भोजनदायी कोशिका की आनुवांशिक सामग्री में जुड़ने से पहले ज़रूरी है की रेट्रोवायरस के आरएनए अणु अपने आरएनए अणु से डीएनए की एक नकल बनाएं जो भोजनदायी कोशिका की आनुवांशिक सामग्री में जुड़ सके.
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एडिनोवायरस की आनुवंशिक सामग्री भोजनदायी की आनुवंशिक सामग्री में (अस्थायी रूप से भी) शामिल नहीं होती.डीएनए अणु भोजनदायी कोशिका के नाभिक में मुक्त छोड़ दिया जाता है, और इस अतिरिक्त डीएनए अणु में जुड़े निर्देशों का प्रतिलेखन या ट्रांसक्रिप्शन ठीक उसी तरह होता है जैसे किसी दूसरे जीन का.फर्क सिर्फ इतना है कि ये अतिरिक्त जीन कोशिका विभाजन होने के समय द्विगुणित नहीं होते और इसलिए उत्तरदायी कोशिका में यह अतिरिक्त जीन नहीं होता.
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एडिनोवायरस की आनुवंशिक सामग्री भोजनदायी की आनुवंशिक सामग्री में (अस्थायी रूप से भी) शामिल नहीं होती.डीएनए अणु भोजनदायी कोशिका के नाभिक में मुक्त छोड़ दिया जाता है, और इस अतिरिक्त डीएनए अणु में जुड़े निर्देशों का प्रतिलेखन या ट्रांसक्रिप्शन ठीक उसी तरह होता है जैसे किसी दूसरे जीन का.फर्क सिर्फ इतना है कि ये अतिरिक्त जीन कोशिका विभाजन होने के समय द्विगुणित नहीं होते और इसलिए उत्तरदायी कोशिका में यह अतिरिक्त जीन नहीं होता.
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एडिनोवायरस की आनुवंशिक सामग्री भोजनदायी की आनुवंशिक सामग्री में (अस्थायी रूप से भी) शामिल नहीं होती.डीएनए अणु भोजनदायी कोशिका के नाभिक में मुक्त छोड़ दिया जाता है, और इस अतिरिक्त डीएनए अणु में जुड़े निर्देशों का प्रतिलेखन या ट्रांसक्रिप्शन ठीक उसी तरह होता है जैसे किसी दूसरे जीन का.फर्क सिर्फ इतना है कि ये अतिरिक्त जीन कोशिका विभाजन होने के समय द्विगुणित नहीं होते और इसलिए उत्तरदायी कोशिका में यह अतिरिक्त जीन नहीं होता.
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एडिनोवायरस की आनुवंशिक सामग्री भोजनदायी की आनुवंशिक सामग्री में (अस्थायी रूप से भी) शामिल नहीं होती.डीएनए अणु भोजनदायी कोशिका के नाभिक में मुक्त छोड़ दिया जाता है, और इस अतिरिक्त डीएनए अणु में जुड़े निर्देशों का प्रतिलेखन या ट्रांसक्रिप्शन ठीक उसी तरह होता है जैसे किसी दूसरे जीन का.फर्क सिर्फ इतना है कि ये अतिरिक्त जीन कोशिका विभाजन होने के समय द्विगुणित नहीं होते और इसलिए उत्तरदायी कोशिका में यह अतिरिक्त जीन नहीं होता.
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इसका यह गुण वी एस वी जी प्रोटीन के बिशेषता है जिससे कि ये वाहक ढंका होता है. वायरस वाहकों द्वारा सभी कोशिकाओं को संक्रमित करने कि इस क्षमता को सिर्फ एक या कुस्छ भोजनदायी कोशिकाओं को संक्रमित करने तक सीमित करने के लिए कई प्रयास किये गए हैं.यह विकास वाहकों कि अपेक्षाकृत काफी कम मात्र का यथाक्रम प्रशासन करने का अवसर देगा.अलक्षित कोशिकाओं के रूपांतरण कि क्षमता सीमित हो जायेगी और चिकित्सा समुदाय कि कई चिंताओं का निवारण हो जाएगा.