कानून के तहत सूचना न देना, गलत सूचना देना या भ्रामक सूचना देने वाले जन सूचना अधिकारी पर आर्थिक दंड का प्रावधन है, लेकिन शुरूआती तीन सालों में गिने-चुने मामलों में ही जुर्माना लगाने के आदेश दिए गए हैं।
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सूचना थी कि गाँव में नक्सलियों ने समर्पण किया है| यह भ्रामक सूचना थी | इससे पहले भी खबर आती रही है कि इलाके में नक्सली बैठक करते रहे हैं| इस पर सवाल पूछा जा रहा है कि नक्सली होने की खबर के बावजूद यह जानलेवा चूक क्यों की गयी?
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अनुचित प्रतिस्पर्धा के कृत्य न केवल प्रतिस्पर्धा को प्रतिकूल रूप में प्रभावित करते हैं जो ग्राहकों तथा बाजार अंश को खोने की ओर प्रवृत्त होते हैं बल्कि इससे उपभोक्ता भी प्रभावित होते हैं क्योंकि उन्हें गलत तथा भ्रामक सूचना प्राप्त होने की संभावना रहती है तथा उन्हें आर्थिक तथा वैयक्तिक पूर्वाग्रह से हानि उठानी पड़ती है,
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क्षति पूर्ति में आने जाने का खर्च अतिरिक्त रहने खाने का खर्च सुनवाई पर उपस्थित होने के कारण दैनिक कमाई का हर्ज, सूचना न देने या गलत, अधूरी भ्रामक सूचना पाने या सूचना नष्ट किये जाने का हर्ज यदि कोई वकील किये हो तो उसकी फीस, डाक टाइप आदि कराने का खर्च, मानसिक उत्पीड़न की क्षति पूर्ति आदी सम्मलित है।
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क्षति पूर्ति में आने जाने का खर्च अतिरिक्त रहने खाने का खर्च सुनवाई पर उपस्थित होने के कारण दैनिक कमाई का हर्ज, सूचना न देने या गलत, अधूरी भ्रामक सूचना पाने या सूचना नष्ट किये जाने का हर्ज यदि कोई वकील किये हो तो उसकी फीस, डाक टाइप आदि कराने का खर्च, मानसिक उत्पीड़न की क्षति पूर्ति आदी सम्मलित है।
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अनुचित प्रतिस् पर्धा के कृत् य न केवल प्रतिस् पर्धा को प्रतिकूल रूप में प्रभावित करते हैं जो ग्राहकों तथा बाजार अंश को खोने की ओर प्रवृत्त होते हैं बल्कि इससे उपभोक् ता भी प्रभावित होते हैं क् योंकि उन् हें गलत तथा भ्रामक सूचना प्राप् त होने की संभावना रहती है तथा उन् हें आर्थिक तथा वैयक्तिक पूर्वाग्रह से हानि उठानी पड़ती है,
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धारा २० (१) के अनुसार यदि सूचना आयोग किसी शिकायत या अपील पर निर्णय लेते समय यह मानता है कि जनसूचना अधिकारी ने अकारण सूचना हेतु कोई प्रार्थना पत्र लेने से मना किया है या सूचना धारा ७ (१) में निर्धारित अवधि में उपलब्ध नही कराई या द्वेष वश सूचना देने से मना किया या जान बुझकर गलत, अधूरी या भ्रामक सूचना दी या मांगी हुई।
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इन लोगों के आने से लगभग एक सप्ताह पहले पड़ौस वाले शर्माजी (जिन्होने मेरी माता जी के निधन के बाद ऊधम किया था और जिन्होने ही मथुरा वाले माथुर साहब को मेरे मकान की बाबत भ्रामक सूचना दी थी) के एक रिश्तेदार जो अपने श्वसुर साहब के रेजिस्ट्रेशन पर मेडिकल प्रेक्टिस करते थे मेरे घर आए और सवाल उठाया कि मैंने उनके चचिया श्वसुर डॉ रामनाथ से क्यों संपर्क तोड़ा?
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धारा २ ० (१) के अनुसार यदि सूचना आयोग किसी शिकायत या अपील पर निर्णय लेते समय यह मानता है कि जनसूचना अधिकारी ने अकारण सूचना हेतु कोई प्रार्थना पत्र लेने से मना किया है या सूचना धारा ७ (१) में निर्धारित अवधि में उपलब्ध नही कराई या द्वेष वश सूचना देने से मना किया या जान बुझकर गलत, अधूरी या भ्रामक सूचना दी या मांगी हुई।
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आगरा / 1994-95 /भाग-17.... जारी.... इन लोगों के आने से लगभग एक सप्ताह पहले पड़ौस वाले शर्माजी(जिन्होने मेरी माता जी के निधन के बाद ऊधम किया था और जिन्होने ही मथुरा वाले माथुर साहब को मेरे मकान की बाबत भ्रामक सूचना दी थी) के एक रिश्तेदार जो अपने श्वसुर साहब के रेजिस्ट्रेशन पर मेडिकल प्रेक्टिस करते थे मेरे घर आए और सवाल उठाया कि मैंने उनके चचिया श्वसुर डॉ रामनाथ से क्यों संपर्क तोड़ा?