दिन में सोने से जठराग्नि मंद हो जाती है | अन्न का ठीक से पाचन न होकर अपाचित रस (आम) बन जाता है, जिससे शरीर में भारीपन, शरीर टूटना, जी मचलाना, सिरदर्द, ह्रदय में भारीपन, त्वचारोग आदि लक्षण उत्पन्न होते है | तमोगुण बदनें से स्मरणशक्ति व बुद्धि का नाश होता है
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रोगी की भूख में कमी आने लगती हैं कब्ज़ बनी रहती हैं तथा पाचन शक्ति दुर्बल हो जाती है | इनके अतिरिक्त बार-बार मूत्रत्याग, पेट में भारीपन, जी मचलाना आदि लक्षण पाए जाते है | इस अवधि में रोगी का चेहरा पिला हो जाता है | मासिक धर्म में भी गरबड़ी आ जाती है फलस्वरूप स्त्री चिडचिडी हो जाती है |
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रोगी की भूख में कमी आने लगती हैं कब्ज़ बनी रहती हैं तथा पाचन शक्ति दुर्बल हो जाती है | इनके अतिरिक्त बार-बार मूत्रत्याग, पेट में भारीपन, जी मचलाना आदि लक्षण पाए जाते है | इस अवधि में रोगी का चेहरा पिला हो जाता है | मासिक धर्म में भी गरबड़ी आ जाती है फलस्वरूप स्त्री चिडचिडी हो जाती है |