चांद का प्रकाश मध्दिम होने लगा और पृथ्वी तथा आकाश, बेल-बूटे, अब मेरा घर जहां मैंने आयु बिताई थी, धीरे-धीरे लुप्त होते हुए ज्ञात हुए और मैं मीठी नींद सो गई।”
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एक ऐसी दुनिया जहां विकास की किरणें फूटती और फिर मध्दिम हो जाती, और इस समाज की वास्तविक समस्या क्या है और इसकी शुरुआत जहां से करें ये भी एक दुविधा है।
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चांद का प्रकाश मध्दिम होने लगा और पृथ्वी तथा आकाश, बेल-बूटे, अब मेरा घर जहां मैंने आयु बिताई थी, धीरे-धीरे लुप्त होते हुए ज्ञात हुए और मैं मीठी नींद सो गई।
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उन्होंने बताया कि वह किस प्रकार लालटेन की मध्दिम रोशनी में पढार्ऌ करते थे और वाह स्थित अपने स्कूल तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी पैदल चलकर तय करते थे, जो अब पाकिस्तान में है ।
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दोगली मानसिकता वाले देश के स्वार्थी लोग एक बार फ़िर से भारत को ग़ुलाम बना कर छोडे़गे. लगता है रानी लक्ष्मीबाई,तात्या टोपे,सुभाष बाबू, भगतसिंह,आज़ाद,सरदार पटेल, अज़ीमुल्ला खाँ,अमरसिंह, कुवँरसिंह और अशफ़ाकउल्ला की क़ुरबानियों को मध्दिम करने की साज़िश रची जा रही है..
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देश में जो कुछ भी घटित हो रहा है, वह लम्बे समय से चली आ रही सामाजिक प्रकिया का अंग है और इसके साथ ही देश के अवचेतन मन में सुप्त कुछ आकांक्षाओं का मध्दिम प्रकटीकरण भी हो रहा है।
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देश में जो कुछ भी घटित हो रहा है, वह लम्बे समय से चली आ रही सामाजिक प्रकिया का अंग है और इसके साथ ही देश के अवचेतन मन में सुप्त कुछ आकांक्षाओं का मध्दिम प्रकटीकरण भी हो रहा है।
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एक सीमा का उल्लेख भी इसलिए करना पड़ रहा है कि इन दिनों नई दुनिया की पठनीय सामग्री में कॉलेज कैंपस और विज्ञापनजगत की पार्टी संस्कृति का हमला होते दिखाई दे रहा है और नईदुनिया की भाषा से हिंदी की सुहास और सुगंध मध्दिम पड़ने लगी है।
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सरलता विलंबित में धीरे-धीरे मंद गति वाला आसानआ असान विलंबित में आरमतलब मध्दिम अप्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अधिक देर तक कामुकतापूर्ण शनैः शनैः धीरे धीरे काहिल सुवीध सावधानि से अप्रत्य्क्ष रूप से धीरे से मन्द हो जाना सावधानि से म्ंअदा अप्रत्य्क्ष रूप से आरमदेह डीला मंदबुद्धि मन्द कमर देर रात की आहिस्ता