जीदृ ई. म्यूलर वास्तव में दर्शन तथा इतिहास के विद्यार्थी थे किंतु फेक्नर के साथ पत्रव्यवहार के फलस्वरूप उनका ध्यान मनोदैहिक समस्याओं की ओर गया।
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जीदृ ई. म्यूलर वास्तव में दर्शन तथा इतिहास के विद्यार्थी थे किंतु फेक्नर के साथ पत्रव्यवहार के फलस्वरूप उनका ध्यान मनोदैहिक समस्याओं की ओर गया।
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जी ई म्यूलर वास्तव में दर्शन तथा इतिहास के विद्यार्थी थे किंतु फेक्नर के साथ पत्रव्यवहार के फलस्वरूप उनका ध्यान मनोदैहिक समस्याओं की ओर गया।
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जी ई म्यूलर वास्तव में दर्शन तथा इतिहास के विद्यार्थी थे किंतु फेक्नर के साथ पत्रव्यवहार के फलस्वरूप उनका ध्यान मनोदैहिक समस्याओं की ओर गया।
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इससे न केवल हम मनोदैहिक व मानसिक रोगों से बचे रहते हैं बल्कि व्यर्थ की उद्विग्नता से परे एक शांत व संतोषी जीवन व्यतीत करते हैं।
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इससे न केवल हम मनोदैहिक व मानसिक रोगों से बचे रहते हैं बल्कि व्यर्थ की उद्विग्नता से परे एक शांत व संतोषी जीवन व्यतीत करते हैं।
37.
योग के अभ्यास से मनोदैहिक विकारों / व्याधियों की रोकथाम, शरीर में प्रतिरोधक शक्ति की बढोतरी तथा तनावपूर्ण परिस्थितियों में सहनश् ाक्ति की क्षमता आती है।
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यद्यपि कई बार मनोदैहिक सम्बन्धों की विफलता से भी निराशा और हताशा पैदा होती है, लेकिन उन स्थितियों में भी परिवार एक महत्वपूर्ण कारक होता है.
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अधिकांश मनोदैहिक एवं मानसिक रोग मन से सम्बंधित विकारों तथा कुछ अन्य आध्यात्मिक कारणों से होते हैं ; गंभीर मानसिक रोग तो बहुधा आध्यात्मिक कारणों से ही होते हैं।
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शारीरिक दृष्टि से अक्षम (प्ह्य्सिचल्ल्य् हन्डिचप्पेड्) बालक--जैसेविक-~ लांग, गूँगे, बहरे, नेत्रविहीन, वाग्दोष (स्पेएच्ह् डिसोर्डेर्), मनोदैहिक दोष (प्स्य्च्होसो-~ मटिच् डिसोर्डेर्), शारीरिक प्रवरता (प्ह्य्सिचल्सुपेरिओरिट्य्), प्रमस्तिष्क संस्तम्भ (चेरेब्रल् हल्स्य्), मिर्गी (एपिलेप्स्य्) इत्यादि वाले बालक.