| 31. | पैरानियल बॉडी मलद्वार के आगे तथा जननद्वार के पीछे होती है।
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| 32. | कर्मेंद्रिय पाँच हैं-हाथ, पैर, मलद्वार, मूत्रमार्ग और वाणी।
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| 33. | इसके विपरीत अपान मलद्वार से निष्कासित होने वाली वायु है ।
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| 34. | पैरानियम बाडी मलद्वार के आगे तथा जननद्वार के पीछे होती है।
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| 35. | बवासीर के साथ मलद्वार का फटना आदि लक्षण रोगी होते हैं।
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| 36. | पैरानियम बाडी मलद्वार के आगे तथा जननद्वार के पीछे होती है।
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| 37. | इसके विपरीत अपान मलद्वार से निष्कासित होने वाली वायु है ।
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| 38. | अधिक जोर लगाने से मलद्वार के भीतर की त्वचा छिल जाती है।
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| 39. | मलद्वार के भीतर और बाहर मांसांकुर (मस्मे) बन जाते हैं।
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| 40. | है जिसे जानवर अपने पाचन नली से मलद्वार के रास्ते निकलते हैं।
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