|  | 31. | रात्रि के समय मशाल लेकर आगे-आगे पैदल चलते हुए अपने मालिक का पथ-प्रदर्शन करना मशालची का काम होता था। 
 
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|  | 32. | रात्रि के समय मशाल लेकर आगे-आगे पैदल चलते हुए अपने मालिक का पथ-प्रदर्शन करना मशालची का काम होता था। 
 
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|  | 33. | तत्कालीन परम्परा के अनुसार पगड़ी, जूता, चूड़ीदार पायजामा इत्यादि परिधान धारण करना तथा मशालची रखना संपन्नता की निशानी थी। 
 
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|  | 34. | अब प्रणय जी को आपके जैसे शीर्षासन रत तो मशालची मिले हैं जो अपना ही झोंटा फूंक दें!! 
 
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|  | 35. | रात्रि के समय मशाल लेकर आगे-आगे पैदल चलते हुए अपने मालिक का पथ-प्रदर्शन करना मशालची का काम होता था। 
 
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|  | 36. | अब प्रणय जी को आपके जैसे शीर्षासन रत तो मशालची मिले हैं जो अपना ही झोंटा फूंक दें!! 
 
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|  | 37. | तत्कालीन परम्परा के अनुसार पगड़ी, जूता, चूड़ीदार पायजामा इत्यादि परिधान धारण करना तथा मशालची रखना संपन्नता की निशानी थी। 
 
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|  | 38. | सामान्य जनों के लिए माँग कर वस्त्र जुटा लेना तो आसान था परन्तु मशालची की व्यवस्था करना अत्यन्त कठिन था। 
 
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|  | 39. | सामान्य जनों के लिए माँग कर वस्त्र जुटा लेना तो आसान था परन्तु मशालची की व्यवस्था करना अत्यन्त कठिन था। 
 
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|  | 40. | सामान्य जनों के लिए माँग कर वस्त्र जुटा लेना तो आसान था परन्तु मशालची की व्यवस्था करना अत्यन्त कठिन था। 
 
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