व निम्न प्रयोगों मे से कोई एक करें-1-हरा माजूफल, फिटकरी के आग पर किये हुऐ फूले व गुलाव के फूल बराबर मात्रा में लेकर वारीक से वारीक पीस लें।
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2. लसोडे के पत्तों का सत्व, छोटीइलायची, कमल गट्टे की मिंगी का पावडर, अनारपांचांग (अनार पेड़ की जड़, डंडी, पत्ती, फूल अनार के छिलके सुखाकर) माजूफल, शतावरी
33.
२. माजूफल १०० ग्राम + अश्वगंधा ५० ग्राम + आंवला ५० ग्राम + भुनी हुई फिटकरी २५ ग्राम + बबूल का गोंद २५ ग्राम मिला कर पीस लीजिये व सुबह-शाम तीन ग्राम की मात्रा भोजन के बाद पानी से दीजिये।
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२. माजूफल १ ०० ग्राम + अश्वगंधा ५ ० ग्राम + आंवला ५ ० ग्राम + भुनी हुई फिटकरी २ ५ ग्राम + बबूल का गोंद २ ५ ग्राम मिला कर पीस लीजिये व सुबह-शाम तीन ग्राम की मात्रा भोजन के बाद पानी से दीजिये।
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109. योनि का संकोचन:-अनार की छाल, कूठ, धाय के फूल, फिटकरी का फूला, माजूफल, हाऊबेर, और लोधा को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर बने चूर्ण को शराब में मिलाकर योनि पर लेप करने से योनि सिकुड़ जाती है।
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चिकित्सा: माजूफल 5 नग, सुपारी 5 नग, करंज के दाने 5 नग, कुचले के दाने 5 नग और सौरही कौड़ी 5 नग, रस कूपर 20 ग्राम, सफेद खैर, मुर्दा शंख, छोटी इलायची के दाने तीनों 5-5 ग्राम।
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* अनार की छाल लगभग एक किलो और माजूफल 125 ग्राम को 2 लीटर पानी में डालकर पकायें जब पानी आधा बच जाये तब इसे छानकर रख लें, फिर इसी में 125 ग्राम तिल्ली का तेल डालकर पकाकर स्तनों पर लेप करने से स्तन कठोर होते हैं।
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आयुर्वेद में उपाय-लसोडे की पत्तियों का सत्व, छोटी इलायची, कमल गट्टे की मिंगी का पावडर, अनार का पांचांग (जड़, डंढल, पत्ता फूल, फल या अनार के छिलके) माजूफल, शतावरी सबको मिला कर उसका लेप तैयार कर लें।
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10. बड़ी इलायची: बड़ी इलायची और माजूफल को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर समान मात्रा में मिश्री को मिलाकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम को लेने से स्त्रियों को होने वाले श्वेत प्रदर की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
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इसके निवारण क़ी एक मात्र विधि यही है कि जब स्वयं के शरीर से उत्सर्जित Sodium Tetrachloride के संपर्क में डाईथिलफास्फामाजाईन क्लोरेट (गुगुल एवं लोबान), मैथिल ग्लीआकजायिन (अगरु एवं तगरु), हेक्ट्रानईट्रीसिन (समुद्रफेन एवं माजूफल) तथा इथियो फास्फीन (कपूर) आ जा य.