| 31. | ध्यान रहे कि प्रकृति में, पृथ्वी में मातृभाव है क्योंकि ये हमें संरक्षण देते हैं, हमारा पालन-पोषण करते हैं।
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| 32. | वे हैं मन-वाणी से अज्ञात-वे ही सुख-दुख में रहती हैं-शक्ति मृत्यु-रूपा अवदात, मातृभाव से वे ही आतीं।
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| 33. | ध्यान रहे कि प्रकृति में, पृथ्वी में मातृभाव है क्योंकि ये हमें संरक्षण देते हैं, हमारा पालन-पोषण करते हैं।
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| 34. | भावभीनी विदाई दी जाती है. दांतू गांव के प्रवेश पर लगी जसुली दताल की आदमकद मूर्ति के चेहरे पर धीर-गंभीर मातृभाव है.
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| 35. | घर में बच्चों का मां, पति रोगी हो तो उसकी भी मां, सास-ससुर की सेवा में भी मातृभाव और स्त्रैण मिठास।
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| 36. | ब्रह्मा, विष्णु व महेश भी भगवती की मातृभाव से उपासना करते हैं, तभी वे सृष्टि की व्यवस्था करने में समर्थ होते हैं।
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| 37. | देवमाता के स्वरूप का संक्षिप्त तात्त्विक विवेचन इस प्रकार से है-देवमाता के एक मुख, दो हाथ-सहज मातृभाव युक्त छवि ।।
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| 38. | घर में बच्चों का मां, पति रोगी हो तो उसकी भी मां, सास-ससुर की सेवा में भी मातृभाव और स्त्रैण मिठास।
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| 39. | भगवान श्रीकृष्ण को साक्षात देख देवी तो चकित रह गईं और उनका मातृभाव जागृत होकर बोला, ' मुझे आपके जैसा ही पुत्र चाहिए।'
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| 40. | (1) मानव जाति के सार्वभौम मातृभाव का एक केंद्र बिना जाति, धर्म, स्त्री पुरुष, वर्ण अथवा रंग के भेदभाव को मानते हुए, बनाना।
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