| 31. | भारतीय दर्शन में सृष्टि का मूल कारण, अखंड मातृसत्ता दृ अदिति भी नारी है।
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| 32. | भारतीय दर्शन में सृष्टि क़ा मूल कारण, अखंड मातृसत्ता-अदिति भी नारी है।
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| 33. | इस लगातार हार की मेरी व्याख्या यह है कि यह मातृसत्ता और पितृसत्ता की लड़ाई थी।
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| 34. | लेकिन पितृसत्ता के विरोध का मतलब यह नहीं है कि मातृसत्ता को स्थापित किया जा य.
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| 35. | मातृसत्ता की समाप्ति और पितृसत्ता के उदय ने नारी के जीवन को पूर्णतः बदलकर रख दिया।
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| 36. | पूरा का पूरा पहाड़, और उत्तर पूर्वी भारत शाक्त मत को मानता है..जो मातृसत्ता का प्रतीक है।
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| 37. | बल्कि इसमें मातृसत्ता पितृसत्ता से हारी है तथा घर के भीतर वह अपनी मातृसत्ता से हारा है।
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| 38. | बल्कि इसमें मातृसत्ता पितृसत्ता से हारी है तथा घर के भीतर वह अपनी मातृसत्ता से हारा है।
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| 39. | जाहिदा जी को बताया जाए मातृसत्ता की बात पर जारों और निठल्लों की बांछें खिल जाती हैं।
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| 40. | एंगेल्स आगे लिखते हैं, मातृसत्ता का विनाश नारी जाति की विश्व ऐतिहासिक महत्त्व की पराजय थी।
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