| 31. | मात्रिक छंद ː जिन छंदों में मात्राओं की संख्या निश्चित होती है उन्हें मात्रिक छंद कहा जाता है।
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| 32. | मात्रिक छंद ː जिन छंदों में मात्राओं की संख्या निश्चित होती है उन्हें मात्रिक छंद कहा जाता है।
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| 33. | मात्रिक छंद (या जाति)-जिस छंद के सभी चरणों में मात्राओं की संख्या समान हो।
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| 34. | हंस में उनकी जो कविता प्रकाशित हुई है वह मात्रिक छंद पर है और ग़ज़ल के स् वरूप में है ।
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| 35. | गंग (सं.) [सं-पु.] 1. एक मात्रिक छंद 2. भक्तिकाल के एक प्रसिद्ध हिंदी कवि।
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| 36. | आल्हा या वीर छन्द अर्ध सम मात्रिक छंद है जिसके हर पद (पंक्ति) में क्रमशः १६-१६ मात्राएँ, चरणान्त क्रमशः दीर्घ-लघु होता है.
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| 37. | कुंडलिया (सं.) [सं-स्त्री.] दोहे और रोले के योग से बनने वाला एक मात्रिक छंद ; कुंडलिका।
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| 38. | बाकी फ़ेलुन की बहर है इसे मात्रिक छंद की तरह इस्तेमाल न करें और लघु से मिसरा न शुरू हो तो बेहतर है।
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| 39. | मात्रिक छंद के सभी चरणों में मात्राओं की संख्या तो समान रहती है लेकिन लघु-गुरु के क्रम पर ध्यान नहीं दिया जाता है।
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| 40. | चौपाई (सं.) [सं-स्त्री.] (काव्यशास्त्र) चार चरण का मात्रिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में सोलह-सोलह मात्राएँ होती हैं।
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