अगले दिन नर खंड से नर फूलों को तोडकर इक्कटठा कर ले तथा मादा पैतृक में मादा फूल का लिफाफा हटाकर हाथ से परागकोष को रगडकर या परागकणों को इक्कटठा करके ब्रुश से परागण करें।
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मादा फूल, 2 मिमी लंबे समय sepals, 3-4 मिमी लंबी पंखुड़ी, एक व्यापक मिमी, 8 staminodes, एकांतर से छोटी और लंबी, एल 1.5 लंबे मिमी, अंडाशय और उभयलिंगी फूल में के रूप में एक ही फल है.
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यह देखने में द्विलिंगी पुष्प मालूम होता है, परंतु वास्तव में यह एक बहुवर्ध्यक्षीय पुष्पक्रम है जिसका अवसान पुष्प मालूम होता है, परंतु वास्तव में यह एक बहुवर्ध्यक्षीय पुष्पक्रम है जिसका अवसान पुष्प नग्न मादा फूल होता है।
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नर व मादा फूल आने की अवस्था में मक्की की फसल में नीला फुलणु (एक वर्षीय प्रजाति) की रोकथाम के लिए एट्राजिन 50 डब्ल्यु.पी. 120 मि.ली./बीघा का छिड़काव 60-64 लीटर पानी में खरपतवार की 2-3 पत्ती आने पर करें|
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एक ही पौधे पर एक लैंगीय नर और मादा फूल एक ही समय पर दिखलाई नही पड़ते अथवा परिपक्व नही होते पिछले प्रकार के फूल, जिनमें स्वयं के पराग में रासायनिक अवरोध होते हैं, ऐसे फूलों को आत्ममृत अथवा बाँझ के रूप में संदर्भित किया जाता है (पौधे की कामुकता (
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इसलिए मैं लगभग यकीन कर चुका था कि सामान्यतया पाए जाने वाले पीत सेवली और बसंत गुलाब दोनों ही ऐसे पौधे हैं जिनके नर और मादा फूल अलग अलग लगते हैं, यह भी कि एक किस्म में छोटे स्तरा केसर और दूसरी किस्म में छोटे पुंकेसर अवर्धन की ओर अग्रसर थे।
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एक ही पौधे पर एक लैंगीय नर और मादा फूल एक ही समय पर दिखलाई नही पड़ते अथवा परिपक्व नही होते पिछले प्रकार के फूल, जिनमें स्वयं के पराग में रासायनिक अवरोध होते हैं, ऐसे फूलों को आत्ममृत अथवा बाँझ के रूप में संदर्भित किया जाता है (पौधे की कामुकता (Plant sexuality), भी देखें)
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फलो की तुडाई हमें कब करनी चाहिए और किस प्रकार से करनी से चाहिए? फसल में जब खाने योग्य फल मिलने लगे तो सप्ताह में दो बार तुडाई करनी चाहिएI मादा फूल आने के एक सप्ताह में फल खाने योग्य हो जाते हैI तुडाई लगातार करते रहना चाहिए जब तक फल मिलते रहेI जितना मुलायम फल बाजार में बेचने के लिए जाता है उतना ही अच्छा पैसा मिलता हैI