कलयुग है और जो कोई करें पर परिणाम तो पक्का है हिन्दू लोग यदि मुल्ला जी या मौला जी कहते है माष खाने बालाओ को तो यह आपकेके जैसे लोगो के करण यह हुआ था बुध्ह जी के अहिंसा का नियम ही तो यह देश का नाश कर दिया और बिदेशियो का अमात्रण किया ||जय सिया राम||,
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हालाँकि इस विषय में सैकडों क्या हजारों मन्त्रों को उद्धृत किया जा सकता है, किन्तु विषय विस्तार के भय से दो ओर मन्त्रों का उल्लेख कर जिनमें चावल, जौं, माष (उडद, तिल आदि उत्तम अन्न के सेवन का और पशुओं के दूध को ही (न कि मांस को) सेवन करने का उपदेश है, हम इस विषय को समाप्त करते हैं.
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इन में से कोई भी पंक्ति गोमांस से सम्बन्ध नहीं रखती और अगर जानबूझ कर छोड़ी गयी पंक्ति भी मिला दें तो अर्थ होगा कि राजा रन्तिदेव के राज्य में उत्तम भोजन पकाने वाले २ ००, ००० रसोइये थे जो प्रतिदिन अतिथियों और विद्वानों को बढ़िया खाना (चावल, दालें, पकवान, मिठाई इत्यादि-शाकाहारी पदार्थ) खिलाते थे. गोमांस परक अर्थ दिखाने के लिए अगले श्लोक के ‘ माष ‘ शब्द को बदल कर ‘ मांस ‘ किया गया है.
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एक चैत्र माष में तो दूसरा आश्विन माष में | आश्विन माष की नवरात्रि दशहरा या दुर्गा पूजा के रूप में सम्पूर्ण भारत में मशहूर है| मगर चैत्र माष की नवरात्रि उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है |विक्रम संवत के प्रथम दिन को दक्षिण भारत में युगादी के नाम से मानते हैं | यह कर्नाटक, महाराष्ट्र और आँध्रप्रदेश का मुख्य पर्व है | कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश में जहाँ इसे युगादी कहते हैं, वहीँ महाराष्ट्र में इसे गुडीपडवा कहा जाता है |
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एक चैत्र माष में तो दूसरा आश्विन माष में | आश्विन माष की नवरात्रि दशहरा या दुर्गा पूजा के रूप में सम्पूर्ण भारत में मशहूर है| मगर चैत्र माष की नवरात्रि उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है |विक्रम संवत के प्रथम दिन को दक्षिण भारत में युगादी के नाम से मानते हैं | यह कर्नाटक, महाराष्ट्र और आँध्रप्रदेश का मुख्य पर्व है | कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश में जहाँ इसे युगादी कहते हैं, वहीँ महाराष्ट्र में इसे गुडीपडवा कहा जाता है |
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एक चैत्र माष में तो दूसरा आश्विन माष में | आश्विन माष की नवरात्रि दशहरा या दुर्गा पूजा के रूप में सम्पूर्ण भारत में मशहूर है| मगर चैत्र माष की नवरात्रि उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है |विक्रम संवत के प्रथम दिन को दक्षिण भारत में युगादी के नाम से मानते हैं | यह कर्नाटक, महाराष्ट्र और आँध्रप्रदेश का मुख्य पर्व है | कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश में जहाँ इसे युगादी कहते हैं, वहीँ महाराष्ट्र में इसे गुडीपडवा कहा जाता है |
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एक चैत्र माष में तो दूसरा आश्विन माष में | आश्विन माष की नवरात्रि दशहरा या दुर्गा पूजा के रूप में सम्पूर्ण भारत में मशहूर है| मगर चैत्र माष की नवरात्रि उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है |विक्रम संवत के प्रथम दिन को दक्षिण भारत में युगादी के नाम से मानते हैं | यह कर्नाटक, महाराष्ट्र और आँध्रप्रदेश का मुख्य पर्व है | कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश में जहाँ इसे युगादी कहते हैं, वहीँ महाराष्ट्र में इसे गुडीपडवा कहा जाता है |
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कहां चले गए वह नेक और स्वालेह बन्दे और किधर हैं वह “ ारीफ़ और करीमुन्नफ़्स लोग, कहां हैं वह अफ़राद जो कस्ब माष में एहतियात बरतने वाले थे और रास्तों में पाकीज़ा रास्ता इख़्तेयार करने वाले थे, क्या सब के सब इस पस्त और ज़िन्दगी को मकदर बना देने वाली दुनिया से नहीं चले गये और क्या तुम्हें ऐसे अफ़राद में नहीं छोड़ गए जिनकी हिक़ारत और जिनके ज़िक्र से एराज़ की बिना पर होंठ सिवाए इनकी मज़म्मत के किसी बात के लिये आपस में नहीं मिलते हैं।
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एक चैत्र माष में तो दूसरा आश्विन माष में | आश्विन माष की नवरात्री दशहरा या दुर्गा पूजा के रूप में सम्पूर्ण भारत में मशहूर है | मगर चैत्र माष की नवरात्री उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है | विक्रम संवत के प्रथम दिन को दक्षिण भारत में युगादी के नाम से मानते हैं | यह कर्नाटक, महाराष्ट्र और आँध्रप्रदेश का मुख्य पर्व है | कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश में जहाँ इसे युगादी कहते हैं, वहीँ महाराष्ट्र में इसे गुडीपडवा कहा जाता है |
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एक चैत्र माष में तो दूसरा आश्विन माष में | आश्विन माष की नवरात्री दशहरा या दुर्गा पूजा के रूप में सम्पूर्ण भारत में मशहूर है | मगर चैत्र माष की नवरात्री उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है | विक्रम संवत के प्रथम दिन को दक्षिण भारत में युगादी के नाम से मानते हैं | यह कर्नाटक, महाराष्ट्र और आँध्रप्रदेश का मुख्य पर्व है | कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश में जहाँ इसे युगादी कहते हैं, वहीँ महाराष्ट्र में इसे गुडीपडवा कहा जाता है |