औरत या इसके वली-ओ-वकील का दूसरे फ़रीक़ (मर्द) को एक तयशुदा रक़म (महर)के इव्ज़ इसके निकाह में देना और इस मर्द का उस औरत को इस मिक़दार महर के इव्ज़ कुबूल करना।
32.
मैं जरूर कहुँगा बिला शक दुनिया की और ग़िजाओं (खाने की चीजों) से गोश्त मंे हर क़िस्म के फवाईद (लाभ) जयादा हैं अलबत्ता उसको कम मिक़दार में खाना चाहिये।
33.
यह, कि खुद उसके अंदर आंख से बह निकल सकने वाले माद्दे की इतनी मिक़दार मौजूद थी, उसे बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था, क्योंकि खुद अपनी याद में वह शायद ही कभी रोया था.
34.
या ऊन या सूत वग़ैरा के हो और उस की मिक़दार कम हो, यह भी ज़रुरी है कि मुर्दा जानवर की खाल का इस्तेमाल न हो चाहे उस की बग़ावत हो गई हो।
35.
यह, कि खुद उसके अंदर आंख से बह निकल सकने वाले माद्दे की इतनी मिक़दार मौजूद थी, उसे बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था, क्योंकि खुद अपनी याद में वह शायद ही कभी रोया था.
36.
2) अगर वह उसे हैज़ क़रार दे तो यह लाज़िम न आये कि दूसरे ख़ून की कुछ मिक़दार जो कि आदत के दिनों में आई हो, हैज़ के दस दिन से ज़्यादा हो जाये।
37.
* (म.न.98)जिन जानवरों का गोश्त हलाल है अगर उन्हें शरई तरीक़े से जिबह किया जाये और ज़रूरी मिक़दार में उसका ख़ून ख़ारिज हो जाये तो जो ख़ून बदन में बाकी रह जाये वह पाक है।
38.
(10) सैयदे आलम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने मुसलमानों को सदक़ा देने की रग़बत दिलाई तो आपसे दर्याफ़त किया गया कि मिक़दार इरशाद फ़रमाएं कि कितना माल ख़ुदा की राह में दिया जा य.
39.
उस दिन की जिसकी मिक़दार हज़ार बरस है तुम्हारी गिनती में (10) {5} (10) यानी दुनिया के दिनों के हिसाब से और वह दिन क़यामत का दिन है.
40.
सय्यद रज़ी-इस मुख़्तसर से कलाम में इस क़दर ख़ूबियां पाई जाती हैं जहां तक किसी की दाद व तारीफ़ नहीं पहुँच सकती है और इसमें हैरत व इस्तेजाब का हिस्सा पसन्दीरगी की मिक़दार से कहीं ज़्यादा है।