कलयुग में होगा गणेश का अवतार, करेंगे घोड़े की सवारी भगवान गणेश को मोदक इसलिए भी पसंद हो सकता है कि मोदक प्रसन्नता प्रदान करने वाला मिष्टान है।
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लाल वस्त्र में मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्टान एवं द्रव्य लपेट कर नदी में प्रवाहित करने से मंगल अमंगल दूर होता है.
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जैसे-मेंहदी, लाख की चूड़ियाँ, लहरिया नामक विशेष वेश-भूषा, जिसे बाँधकर रंगा जाता है तथा एक मिष्टान जिसे “ घेवर ” कहते हैं।
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दीपावली के दिन तो लोग लक्ष्मी-गणेश जी की अर्चना करते ही हैं, पर उससे पूर्व सब अपने मित्र, बंधुओ-बांधवों से मिलते है और उपहार, मिष्टान आदि का आदान-प्रदान होता है।
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दीपावली के दिन तो लोग लक्ष्मी-गणेश जी की अर्चना करते ही हैं, पर उससे पूर्व सब अपने मित्र, बंधुओ-बांधवों से मिलते है और उपहार, मिष्टान आदि का आदान-प्रदान होता है।
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इस दिन भगवान चित्रगुप्त और यमराज की मूर्ति स्थापित करके अथवा उनकी तस्वीर रखकर श्रद्धा पूर्वक सभी प्रकार से फूल, अक्षत, कुमकुम, सिन्दूर एवं भांति भांति के पकवान, मिष्टान एवं नैवेद्य सहित इनकी पूजा करें।
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इस दिन भगवान चित्रगुप्त और यमराज की मूर्ति स्थापित करके अथवा उनकी तस्वीर रखकर श्रद्धा पूर्वक सभी प्रकार से फूल, अक्षत, कुमकुम, सिन्दूर एवं भांति भांति के पकवान, मिष्टान एवं नैवेद्य सहित इनकी पूजा करें.
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लक्ष्मी जी की पूजा से पहले भगवान गणेश की फूल, अक्षत, कुमकुम, रोली, दूब, पान, सुपारी और मोदक मिष्टान से पूजा की जाती है फिर देवी लक्ष्मी की पूजा भी इस प्रकार की जाती है.
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इस दिन भगवान चित्रगुप्त और यमराज की मूर्ति स्थापित करके अथवा उनकी तस्वीर रखकर श्रद्धा पूर्वक सभी प्रकार से फूल, अक्षत, कुमकुम, सिन्दूर एवं भांति भांति के पकवान, मिष्टान एवं नैवेद्य सहित इनकी पूजा करें।
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इस दिन भगवान चित्रगुप्त और यमराज की मूर्ति स्थापित करके अथवा उनकी तस्वीर रखकर श्रद्धा पूर्वक सी प्रकार से फूल, अक्षत, कुमकुम, सिन्दूर एवं भांति भांति के पकवान, मिष्टान एवं नैवेद्य सहित इनकी पूजा करें।