मेंहदी के काढ़े से गरारे करने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं और चर्म रागों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
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अत्यधिक मिर्च-मसालों का सेवन भी इसके लिए जिम्मेदार होता है, क्योंकि यदि पेट की क्रिया सही नहीं है, तो उसकी प्रतिक्रिया मुँह के छाले के रूप में प्रकट होती है।
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जी मिचलाना, डकारें आना, पेट फूलना, मुँह के छाले, मसूढ़ों के दर्द में टमाटर का सूप अदरक और काला नमक डालकर लिया जाए तो तुरंत फायदा होता है।
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एक चम्मच चूर्ण एक गिलास पानी में उबालकर काढ़ा करें और इस कुनकुने गर्म काढ़े से गरारे करने से मुँह के छाले, दाँत दर्द और टॉंसिल्स के कष्ट में बहुत लाभ होता है।
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बस यह देखा जाना शेष होगा कि इस परिवर्तन के बाद बने सियासी समीकरण में ममता बनर्जी कुछ खास कर पाती हैं या फिर वह भी केवल सनसनी, आक्रामक और ज़ुबानी तेवर के साथ अपने मुँह के छाले को उजाले में तब्दील करती ही रह जाती हैं.