पर इधर के वर्षो में हरियाली को कोयले में बदलने सहित दूसरे अन्य कामों में तो झोंका ही गया साथ ही होटल व्यवसाय, ईधन से चलने वाले वाहन आदि बेतरह बढ़े, इन सबने मुंह भर भर के धुंयें सहित दूसरी अन्य रासायनिक गैसें यहां के वातावरण में फेंकना शुरू कर दिया जो आज भी जारी है।
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मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था, चूँकि मैं कई दिनों से रुका हुआ था इसलिए मेरे लण्ड से बहुत सारा पानी का धार छुट गया और मंजू का मुंह भर गया, वो गटा-गट सारा का सारा रस पी गई, फिर भी उसने मेरे लौड़े की चुसाई बंद नहीं की, वो चूसती ही जा रही थी।
33.
जो लोग / तुम्हें तुम्हारे नाम से नहीं / तुम्हारे काम से पुकारते हैं / जो लोग तुम्हारे बच्चों को / देते हैं मुंह भर गालियां / जो लोग / मनुष्य नहीं समझते तुम्हें / वे लोग / हर सुबह तुम्हारे आने का / इंतजार करते हैं / तुम चाहो तो उनसे / छीन सकते हो / उनकी सुबह। '