| 31. | मुफ़लिस जी, ये आपका अंदाज़े-बयां दिल को छू गया.
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| 32. | क्यूँकि वो लोग भी अपनी ही तरह मुफ़लिस थे
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| 33. | मुफ़लिस की ज़िंदगानी, ग़ुरबत में ही कटेगी
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| 34. | माना हम मुफ़लिस हैं कुछ देने के काबिल नहीं उन्हें
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| 35. | मुफ़लिस जी, जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ.
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| 36. | बन गया मुफ़लिस, यही अन्ज़ाम है
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| 37. | मुफ़लिस जी... कमाल के भाव हैं इस नज़्म में...
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| 38. | कोई हीरा हो नायाब मग़र मुफ़लिस को गुमराह करता है
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| 39. | मुफ़लिस का जहाँ में नाम नहीं,
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| 40. | जो मुफ़लिस हैं बीमार बहुत उनको दरकार है खिदमत की
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