जब गुर्दे की पथरी मूत्रवाहिनी में घुमती है या इधर से उधर होती है तब बहुत हीं पीड़ा देती है।
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इसके अलावा, आपके मूत्रवाहिनी, मूत्राशय की मांसपेशियों, और मूत्रमार्ग को अपनी ताकत का कुछ खो देते हैं.
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वृक्कगोणिकाशोध (Pyelonephritis) गुर्दे का संक्रमण है और अक्सर यह मूत्रवाहिनी के संक्रमण में जटिलता बढ़ने पर होता है.
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मध्यम तथा पार्श्व खंड ही अधिकांश बढ़ते हैं तथा मूत्रमार्ग, मूत्राशय, मूत्रवाहिनी तथा वृक्क में पश्च संपीडन प्रभाव उत्पन्न करते हैं।
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प्रत्येक खण्ड के केंद्र में मूत्रवाहिनी की एक एकल शाखा होती है, जिसमें संग्रहण वाहिनी आकर रिक्त होती है.
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गुबंद (vault, dome, funds) श्के कार्सिनोमा (carcinoma) को जो मूत्रवाहिनी रंध्रों (orifices) से दूर हों (partial) सिस्टैक्टोमी (cystectomy) द्वारा निकाला जाता है।
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ये प्रॉस्टेट ग्रंथि में ही बन सकती हैं, अथवा वृक्क मूत्रवाहिनी या मूत्राशय की अश्मरियाँ प्रॉस्टेट ग्रंथीय मूत्रमार्ग में आकर रुक सकती है।
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प्रत्येक गुर्दा मूत्र को एक मूत्रवाहिनी में उत्सर्जित करता है, जो कि स्वयं भी मूत्राशय में रिक्त होने वाली एक युग्मित संरचना होती है.
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ध्यान से किसी भी शेष के रूप में के रूप में अच्छी तरह से अगर यह अभी भी जुड़ी है मूत्रवाहिनी कैप्सूल हटा दें.
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प्रत्येक गुर्दा मूत्र को एक मूत्रवाहिनी में उत्सर्जित करता है, जो कि स्वयं भी मूत्राशय में रिक्त होने वाली एक युग्मित संरचना होती है.