| 31. | इस तरह का क्षय विचित्र है क्योंकि ' नये बने कण' मूल कण के टुकड़े ना होकर एकदम नये कण होते हैं।
|
| 32. | उस थ्योरी में बोसोन ऐसा मूल कण था, जिसका एक फील्ड था, जो यूनिवर्स में हर कहीं मौजूद था।
|
| 33. | जब कि अन्य सब मूल कण देखे परखे जा चुके हैं, किन्तु 'हिग्ग्ज़ बोसान' अभी तक देखा नहीं जा सका है।
|
| 34. | उस सिद्धांत में बोसोन ऐसा मूल कण था, जिसका एक फील्ड था, जो ब्रह्मंड में हर जगह मौजूद था.
|
| 35. | वैज्ञानिकों को इन्हीं कणों की सबसे पहले तलाश है, क्योंकि यही सृष्टि में सबसे पहले पैदा हुए मूल कण माने जाते हैं।
|
| 36. | अर्थात अब व्यवहार की दृष्टि से मूल कण दो प्रकार के माने जाने लगे-' फ़र्मियान ' तथा ' बोसान ' ।
|
| 37. | इस तरह का क्षय विचित्र है क्योंकि ' नये बने कण ' मूल कण के टुकड़े ना होकर एकदम नये कण होते हैं।
|
| 38. | फर्मियन श्रेणी के मूलकण फर्मी डिरैक स्टैटिस्टिक्स का अनुपालन करते हैं जबकि बोसॉन श्रेणी के मूल कण बोस-आइंस्टाइन स्टैटिस्टिक्स का अनुपालन करते हैं।
|
| 39. | हिग्ग्ज़ क्षेत्र में ' हिग्ग्ज़ ' कण व्याप्त है जो एक प्रकार का मूल कण है, जिसे ' हिग्ग्ज़ बोसान ' कहते हैं।
|
| 40. | मिसाल के तौर पर अगर एटम के मूल कण प्रोटॉन पर पाजिटिव चार्ज होता है तो इसके अपोजिट इलेक्ट्रान पर निगेटिव चार्ज होता है।
|