| 31. | स्ट्रींग सिद्धांत के पिछे आधारभूत तर्क यह है कि मानक प्रतिकृति के सभी मूलभूत कण एक मूल वस्तु के भिन्न स्वरूप है:
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| 32. | विषय की मूल वस्तु एवं मुख्य बिन्दुओं का ज्ञान हो जाने से वह विषय सीखने और समझने में अत्यंत आसान हो जाता है.
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| 33. | विवर्तवाद अद्वैतवाद का एक महत्वपूर्ण सिध्दान्त है जिस के अनुसार मूल वस्तु के अपरिवर्तित रहते हुए भी इसके बाह्य स्वरूप में परिवर्तन सम्भव है।
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| 34. | नाम-परिवर्तन से कहीं मूल वस्तु में भी परिवर्तन होता है, अविगत की विचित्र लीला के सम्बन्ध में कबीर ने कहा है-
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| 35. | यानि पहले एक अवयव, फिर उसका विरोधी अवयव और फिर दोनों के सामंजस्य से तीसरी चीज़ जो मूल वस्तु से बिलकुल अलग है.
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| 36. | ईश्वर का नाम याद करते ही आनंद होता है, उसकी वज़ह क्या है कि वह मूल वस्तु है, और खुद का ही स्वरूप है।
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| 37. | गौर करें कि प्रतिबिंब या अक्स मूल वस्तु या आकृति का खंड या अंश जैसा ही होता है इसलिए इसकी मूल धातु छो में निहित भाव एकदम साफ है।
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| 38. | गौर करें कि प्रतिबिंब या अक्स मूल वस्तु या आकृति का खंड या अंश जैसा ही होता है इसलिए इसकी मूल धातु छो में निहित भाव एकदम साफ है।
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| 39. | किसी भी लघुकथा की रचना में मूल वस्तु उसकी वैचारिक अंतर्वस्तु होती है जिसे प्रभावशाली बनाने के लिए हम जिस प्रविधि का उपयोग करते हैं वही रचना कौशल है।
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| 40. | ' संविधान' शब्द का आशय कोई भी माना जाए किंतु मूल वस्तु यह है कि किसी देश के संविधान का पूर्ण अध्ययन केवल कुछ लिखित नियमों के अवलोकन के संभव नहीं।
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