इसी प्रकार, जिन देशों में सर्वत्र एक ही मौखिक भाषा का प्रयोग होता है, वहां दो या अधिक संकेत भाषाएं हो सकती हैं;
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हमारे प्रयोजनों के लिए, हम मौखिक भाषा के तत्वों पर भाषण ध्वनियों का विचार कर सकते हैं, अर्थात् व्यंजन और स्वर।
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हालांकि इस पैटर्न के उल्लेखनीय अपवाद भी हैं, क्योंकि एक ही मौखिक भाषा बोलने वाले भौगोलिक क्षेत्रों में विविध, असंबद्ध संकेत भाषाएं मौजूद हैं.
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हालांकि इस पैटर्न के उल्लेखनीय अपवाद भी हैं, क्योंकि एक ही मौखिक भाषा बोलने वाले भौगोलिक क्षेत्रों में विविध, असंबद्ध संकेत भाषाएं मौजूद हैं.
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यह तब भी होता है जब भले ही संकेत भाषाओं का स्थलीय मौखिक भाषा से कोई संबंध नहीं होता है, जहां वे उत्पन्न हुए हों.
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यह तब भी होता है जब भले ही संकेत भाषाओं का स्थलीय मौखिक भाषा से कोई संबंध नहीं होता है, जहां वे उत्पन्न हुए हों.
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भाषा के रूप मौखिक भाषा:-जब हम केवल बोलकर अपनी बात दूसरों तक पहुँचाते हैं जैसे:-भाषण देना,गीत गाना,समाचार सुनाना आदि.
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संगीत लाक्षणिकता “ऐसे ज़ोरदार तर्क हैं कि संगीत व्यष्टिविकास और समष्टिविकास दोनों स्तरों पर, लाक्षणिक क्षेत्र को बसती है, जिसका मौखिक भाषा की अपेक्षा विकास प्राथमिकता है.”
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मौखिक भाषा को न जानने वाला या कम जानने वाल व्यक्ति संकेतों को ग्रहण करते हुए भाषाई आरोह और अवरोह के आधर पर पूरा अर्थ समझ जाता है।
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इन कार्यालयों में कार्यरत राजभाषा विभाग लगातार स्पष्ट करता आ रहा है कि लिखित और मौखिक भाषा में फर्क होता है परन्तु सरलीकरण की मॉग बदस्तूर जारी है।