विश्लेषको का कहना है कि चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हार के लिए महंगाई को भी वजह बताए जाने के बाद से मुखर्जी पर आम सरोकार की योजनागत व्यय को लेकर भारी दबाव बढ़ गया है लेकिन बढते राजकोषीय घाटे और विभिन्न योजनाओं के लिए धनराशि के आवंटन के बीच संतुलन बनाना आसान नहीं होगा.