| 31. | स्त्रियों का योनिमार्ग थोड़ा बहुत हमेशा गीला रहता है और यौन उत्तेजना के समय तो ये गीलापन बढ़ता ही जाता है।
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| 32. | सीज़ेरियन सेक्शन की सलाह तब दी जाती है, जब योनिमार्ग द्वारा शिशु जन्म में मां या बच्चे की जान को खतरा हो.
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| 33. | आज के युग का विज्ञान भी इस बात का समर्थन करता है कि इंदिय व योनिमार्ग से ज्यादा बैक्टीरिया मुंह में होते हैं।
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| 34. | योनिमार्ग मे कोई दोष, नहीं तो प्रसव के दौरान फैलने वाले रोग से शिशु को सीज़ेरियन का विकल्प चुन बचाया जा सकता है।
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| 35. | मैथुन के पश्चात् तुरंत ही डूश से, या इसी क्रिया के लिए बनी हुई विशेष सिरिंज से योनिमार्ग का प्रक्षालन किया जाता है।
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| 36. | मैथुन के पश्चात् तुरंत ही डूश से, या इसी क्रिया के लिए बनी हुई विशेष सिरिंज से योनिमार्ग का प्रक्षालन किया जाता है।
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| 37. | यह योनिमार्ग से महीने में 1 बार एक निश्चित अवधि में हुआ करती है जो प्राय: 3-4 दिनों तक रहता है।
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| 38. | जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए योनिमार्ग से अजवाइन का धुंआ भी दिया जाता है तथा अजवाइन का तेल सूजन पर लगाया जाता है।
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| 39. | जब भी योनिमार्ग से प्रसव का विकल्प शिशु या माँ के जीवन को खतरा बन सकता हो तब इस विकल्प का चुनाव किया जाता है।
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| 40. | यदि दोनों पार्टनर में से कोई भी एक योनिमार्ग से निकलने वाले सफेद पदार्थ को मुँह में लेता है तो भी इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
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