आज का आतंकवादी लंबा प्रशिक्षण प्राप्त आधुनिक युवक है जो जीन्स और कारगो पैंट पहने, पीठ पर असलहा भरे रकसैक लादे, फर्राटे से अंग्रेजी बोलने में सक्षम किसी फौजी कमांडो से कम नहीं है।
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ये प्रकिया लगातार अपने भीतर उतरते जाना होता है, भीड़ में भी अपनी दुनिया साथ पीठ पर रकसैक टाँगे घूमना होता है, क्या जाने कब घुमक्कड़ी पर निकल जायें किस अजाने कूल किनारे।
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आज का आतंकवादी लंबा प्रशिक्षण प्राप्त आधुनिक युवक है जो जीन्स और कारगो पैंट पहने, पीठ पर असलाह भरे रकसैक लादे, फर्राटे से अंग्रेजी बोलने में सक्षम किसी फौजी कमांडो से कम नहीं है।
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देव नाम के एक व्यक्ति लिखते हैं, “मैं जैसे ही अपना रकसैक लेकर ट्रेन में चढ़ा तो वहाँ बैठे एक यात्री ने मुझे देखा और तुरंत ट्रेन से उतर गया, दूसरी ट्रेन का इंतज़ार करने के लिए.”
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पांच सात मिनट बाद जब गाना खतम हुआ तो अली फ़र्कातूरे ने अपने रकसैक से पानी की बोतल निकाली, मुर्मू ने खइनी का एक तिनका उंगली से निकाल कर अपनी आस्तीन से पोंछा-दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्करा ए.
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यात्रियों की संख्या के हिसाब से टेण्ट, गर्म कपडे, स्लीपिंग बैग, रकसैक (यानी पिट्ठू बैग), पानी की बोतल, टॉर्च, चश्मा, कैमरा व फिल्में, मजबूत लेकिन चलने में आरामदायक जूते, विंडचीटर और वर्षा से बचने के लिये प्लास्टिक शीट और आवश्यक दवाएं आदि।
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व्यक्तिगत सामान में मौसमी कपडों के अलावा सिर से लेकर पैर तक का ध्यान रखते हुए बंदर टोपी, चश्मा, दस्ताने, मजबूत व आरामदायक जूते जो बिल्कुल नये न हों, जुराबें, पानी की बोतल, कैमरा, फिल्में, टॉर्च, सुई-धागा, अपनी दवाइयां, वाटरप्रूफ रकसैक, स्लीपिंग बैग, बारिश से बचने के लिये प्लास्टिक शीट, कुछ ड्राई फ्रूट्स और टॉफियां. ग्लूकोस आदि रखा जाना चाहिये।