जो युवक मिडिल, इटेंस, एफ0 ए0, बी0ए0 पास करने में हजारों रूपये नष्ट करके दस, पन्द्रह, बीस या तीस रूपये की नौकरी के लिये ठोकरें खाते फिरते है, उन्हें नौकरी का आसरा छोड़कर कोई उद्योग जैसे बढ़ईगिरी, लुहारगिरी, दर्जी का काम, धोबी का काम, जूते बनाना, कपड़ा बुनना, मकान बनाना, राजगीरी का इत्यादि सीख लेना चाहिए ।
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जो युवक मिडिल, इटेंस, एफ0 ए0, बी0ए0 पास करने में हजारों रूपये नष्ट करके दस, पन्द्रह, बीस या तीस रूपये की नौकरी के लिये ठोकरें खाते फिरते है, उन्हें नौकरी का आसरा छोड़कर कोई उद्योग जैसे बढ़ईगिरी, लुहारगिरी, दर्जी का काम, धोबी का काम, जूते बनाना, कपड़ा बुनना, मकान बनाना, राजगीरी का इत्यादि सीख लेना चाहिए ।