And where does the U.S. government stand on this issue? On both sides, actually. It finds targeted killings “unhelpful” when done by Israeli troops but “ very good ” when done by Americans. Thus, State Department spokesman Richard Boucher condemned Israel's September 2002 attack on Mohamed Deif: “We are against targeted killings. We are against the use of heavy weaponry in urban areas, even when it comes to people like Mohamed Deif, who have been responsible for the deaths of American citizens. We do think these people need to be brought to justice.” इस सप्ताह के अन्त में अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कोन्डोलेजा राइस के साथ फिलीस्तीन के आतंकवादी संगठन इस शर्त पर अन्तरिम युद्ध विराम के लिए सहमत हो गये कि इजरायल लक्ष्य पूर्वक हत्यायें बन्द करे ( सम्भावित आतंकवादियों को उनके कार्य से पहले ही मार गिराना )। परन्तु इजरायल ने इस तकनीक को अपने बचाव के लिए सुरक्षित रखा है। और अमेरिकी सरकार इस मामले में कहाँ खड़ी है ? वास्तव में दोनों ओर। इसकी दृष्टि में लक्ष्यपूर्वक हत्यायें जब अमेरिका द्वारा की जाती है तो काफी बढ़िया हैं परन्तु जब इजरायली सेना द्वारा की जाती है तो बिना लाभ के हैं। इसलिए राज्य विभाग के प्रवक्ता रिचर्ड बाउचर ने सितम्बर 2002 में मोहम्मद डीफ पर इजरायल के आक्रमण की निन्दा की और कहा कि “ हम लक्ष्यपूर्ण हत्याओं के विरूद्ध हैं । हम शहरी क्षेत्रों में भारी हथियारों के प्रयोग के विरूद्ध हैं यहाँ तक की मोहम्मद डीफ जैसे लोगों के विरूद्ध भी जो अमेरिकी नागरिकों की मौत के लिए भी जिम्मेदार हैं। हमारा मानना है कि इन्हें न्यायालय के समक्ष लाया जाना चाहिए ।”