स्कूल-कालेज या सिनेमा के जब छूटने का समय होता है तब देखिये कि शोहदों का कैसा जमावड़ा लगता है बाहर.....लड़किओं को तो ऐसे घूरते हैं कि जैसे वो इनके बाप की जागीर हैं,अश्लील कमेन्ट पास करना,सीटी मारना,आँख मारना,लड़किओं का पीछा करना,उनका रास्ता रोकना जैसे दुष्कर्मों का तो जैसे इन शोहदों को लाइसेन्स मिला हुआ है और वो भी माँ-बाप ने दे रखा है कि जाओ....छेड़ो लड़किओं को.....कोई तुम्हे रोकने-टोकने वाला नहीं है।
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' ' इतना ही नहीं बल्कि आरोपी राव दलित नर्स के साथ और बदतमीजी करने लगा, नर्स के चिल्लाने पर राहगीरों ने आकर उसकी लाज बचाई, इससे पूर्व भी तकरीबन छह माह से आरोपी निर्भय सिंह दलित नर्स तारा यादव के साथ छेड़छाड, रास्ता रोकना, जातिगत गालियां देना आदि कर रहा था, मगर लोकलाज के भय से तारा यादव चुप रही, जब आरोपी की हरकतें बर्दाश्त के बाहर हो गई तो वह मामला पुलिस के समक्ष ले गई।