क्या कोई सरकार इन अस्पतालों को तोड़ पायेगा या हटा पायेगी? एक तो ऐसा अवसर आयेगा ही नहीं और अगर ऐसा कहीं सत्ताधीशों के राजनैतिक कारणों से आया भी तो चिकित्सक अपनी लगाई गई पूंजी का हवाला देकर न्यायपालिका में जायेंगे व वहां से राहत प्राप्त करेंगे.
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मिसाल के तौर पर अगर दो आदमी कोई कम्पनी क़ायम करते हैं और हरेक सरमाया और मेहनत का आधा हिस्सा लगाता है तो नफ़ा की तक़सीम कुछ मुश्किल नहीं है लेकिन अगर एक पक्ष पूंजी लगाता है और मेहनत दूसरा करता है या माल तो दोनों लगाते हैं लेकिन काम सिर्फ़ एक ही करता है या भागीदारों की लगाई गई पूंजी का अनुपात बराबर नहीं है तो ऐसे मामलों में मुनाफ़े और फ़ायदे की तक़सीम से पहले पूर्व निर्धारित शर्तों की बुनियाद पर मुआवज़ा स्वीकार किया गया है।