एक लघु चित्र का दिखावटी मॉडल तैयार किया गया था और इसपर विजुअल इफेक्ट्स का प्रयोग इस तरह किया गया था कि दिखावटी मॉडल का फिल्मांकन पाइरोटेक्निक्स के बगैर वास्तविक दृश्य के फिल्मांकन की तरह लगे.
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एक लघु चित्र का दिखावटी मॉडल तैयार किया गया था और इसपर विजुअल इफेक्ट्स का प्रयोग इस तरह किया गया था कि दिखावटी मॉडल का फिल्मांकन पाइरोटेक्निक्स के बगैर वास्तविक दृश्य के फिल्मांकन की तरह लगे.
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फ़िल्टर प्रभाव (रोशनदान, गर्म फिल्टर, रंग संतुलन), लघु चित्र और सहित कार्यों का संपादन छवि ओवरले बड़े 2.5 इंच एलसीडी मॉनिटर सूचना प्रदर्शित करता है शास्त्रीय, ग्राफिक, या वॉलपेपर प्रारूप में दिखाया जा सकता है 0.8
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१ ३. अपने कार्यालयमें भी अपने आराध्यका चित्र, यदि संभव हो, तो रखें ; अन्यथा उनके लघु चित्र निकाल कर मेजपर रखें और बीच-बीचमें प्रार्थना और नामजप करें | ध्यानमें रखें वासनाको नियंत्रित करना सबसे कठिन है ;
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मेवाड राजपूत शैली के लघु चित्र, कशीदाकारी की वस्तुएं, नाथद्वारा की पिछवाइयां, संगमरमर पर पच्चीकारी वाले शिल्प, कठपुतली, बांधनी के कपडे व साडियां और चांदी के आभूषण आदि के अलावा भी अनेक कलात्मक हस्तशिल्प यहां मिलते हैं।
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नवाब फैज़ुल् लाह खान ने 1794 तक यहां पर शासन किया था और वंशागत बहुमूल् य पांडुलिपियां, ऐतिहासिक दस् तावेज़, मुगलों के लघु चित्र, किताबें और नवाबों के तोशखाने में पड़े कला संबंधी अन् य कार्य इसमें संग्रहित किए।
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1-लाहौर गेट से दर्शक छत्ता चौक में पहुंचते हैं, जो एक समय शाही बाजार हुआ करता था.इसमें दरबारी जौहरी, लघु चित्र बनाने वाले चित्रकार, कालिनों के निर्माता, इनेमल के कामगार, रेशम के बुनकर और विशेष प्रकार के दस्तकारों के परिवार रहा करते थे.
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लाहौर गेट से दर्शक छत्ता चौक में पहुंचते हैं, जो एक समय शाही बाजार हुआ करता था और इसमें दरबारी जौहरी, लघु चित्र बनाने वाले चित्रकार, कालिनों के निर्माता, इनेमल के कामगार, रेशम के बुनकर और विशेष प्रकार के दस्तकारों के परिवार रहा करते थे।
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बताया गया है कि भारत के शाहीकाल से जुडी 90 से अधिक कलाकृतियां यहां प्रदर्शन के लिए रखी गई हैं, जिसमें मैसूर के राजा टीपू सुल्तान की तलवार, इंडियन न्यायालयों से मिले हीरे जवाहरात के खजाने और दुर्लभ लघु चित्र एवं पेंटिग्स शामिल हैं।
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*** लघु चित्र कहानी प्रतियोगिता-दिनांक-14-09-2005 समय 03 बजे अपराह्न *** हिन्दी निबंध प्रतियोगिता-दिनांक-15-09-2005 समय 03 बजे अपराह् विषय-(वर्गीकृत कर्मचारियों के लिए) 'हिन्दी भाषा और हमारी मानसिकता ‘ (वर्गीकृत कर्मचारियों के लिए) ' प्रतिभूति कागज कारखाना और हिन्दी भाषा `