ब्रिटिश पत्रिका जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि टमाटर को लाल रंग देने वाला लाइकोपिन कैंसर कोशिकाओं के स्वस्थ्य रक्त से जुड़ने की क्षमता को खत्म कर देता है।
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4. पोषक तत्व जैसे बीटा कैरोटिन (गाजर में), लाइकोपिन (टमाटर में), विटामिन ई एवं सी (ग्रेप सीड एक्स्ट्रेक्ट में उच्च मात्रा में उपलब्ध) और अन्य खनिज तत्वों को आहार में शामिल करना चाहिये।
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लाल: लाल रंग के फल और सब्जियां जैसे टमाटर, सेब गाजर, तरबूज, स्ट्राबेरी, प्याज आदि में लाइकोपिन, इलेगिक एसिड, क्वेरसिटीन और हेस्पिरीडिन सरीखे पोषक तत्व होते हैं।
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4. पोषक तत्व जैसे बीटा कैरोटिन (गाजर में), लाइकोपिन (टमाटर में), विटामिन ई एवं सी (ग्रेप सीड एक्स्ट्रेक्ट में उच्च मात्रा में उपलब्ध) और अन्य खनिज तत्वों को आहार में शामिल करना चाहिये।
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ताड़ के लाल तेल को उसका नाम अपने विशिष्ट गहरे लाल रंग की वजह से मिला है, जो इसे अल्फ़ा-कैरोटीन, बीटा-कैरोटीन और लाइकोपिन जैसे कैरोटीनों से प्राप्त होता है-उन्हीं पोषक तत्वों से, जो टमाटर, गाजर तथा दूसरे फलों एवं सब्जियों को उनके गहरे रंग देते हैं.
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ताड़ के लाल तेल को उसका नाम अपने विशिष्ट गहरे लाल रंग की वजह से मिला है, जो इसे अल्फ़ा-कैरोटीन, बीटा-कैरोटीन और लाइकोपिन जैसे कैरोटीनों से प्राप्त होता है-उन्हीं पोषक तत्वों से, जो टमाटर, गाजर तथा दूसरे फलों एवं सब्जियों को उनके गहरे रंग देते हैं.
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टमाटर की खेती एक व्वसाय के रूप में स्थान रखती हैI इसका सब्जी उत्पादन में विशेष योगदान हैI टमाटर में लाल रंग पाये जाने वाला तत्व लाइकोपिन औषधीय गुण लिए होता हैI इसकी खेती पूरे भारत वर्ष में की जाती है इसमे विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पायी जाती हैI
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टमाटर की खेती एक व्वसाय के रूप में स्थान रखती हैI इसका सब्जी उत्पादन में विशेष योगदान हैI टमाटर में लाल रंग पाये जाने वाला तत्व लाइकोपिन औषधीय गुण लिए होता हैI इसकी खेती पूरे भारत वर्ष में की जाती है इसमे विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पायी जाती हैI
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सूर्य की किरणों में उपस्थित अल्ट्रा वायलेट किरणें शरीर के लिये नुकसानदायक “ रिएक्टिव ऑक्सीज़न स्पेसीज़ ” नामक कणों का उत्पादन बढ़ा देती हैं (जो कि स्किन कैंसर का एक प्रमुख कारण है) परन्तु तरबूज (कहीं-कहीं इसे 'हिरमाना' भी कहा जाता है) में पाये जाने वाला ' लाइकोपिन ' नामक तत्व उन्हें बेअसर कर देता है ।
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सूर्य की किरणों में उपस्थित अल्ट्रा वायलेट किरणें शरीर के लिये नुकसानदायक “ रिएक्टिव ऑक्सीज़न स्पेसीज़ ” नामक कणों का उत्पादन बढ़ा देती हैं (जो कि स्किन कैंसर का एक प्रमुख कारण है) परन्तु तरबूज (कहीं-कहीं इसे ' हिरमाना ' भी कहा जाता है) में पाये जाने वाला ' लाइकोपिन ' नामक तत्व उन्हें बेअसर कर देता है ।