किंतु रोमन लिपि चिह्न नाम में आई किसी भी ध्वनि का कार्य करती है, जैसे-भ् (अ) ब् (क) ल् (य) आदि।
32.
साथ ही गणितीय चिह्न जोड़, घटाव, गुणा, भाग, वृत, आयत आदि चिह्नों को भी आधार बनाकर लिपि चिह्न के रूप में स्थापित किया गया है।
33.
तमिल जैसी सबसे छोटी वर्णमाला में भी हिंदी की भाँति ही स्वर और व्यंजन समान क्रम में हैं तथा व्यंजनों को क, च, ट, त, प वर्गों के क्रम में रखा गया है-भले ही चार-चार ध्वनियों के लिए एक लिपि चिह्न हो।