राह चलते भारतीयों पर चाकू चला देना, उन्हें सुनसान जगहों में पाकर गोरों की टोलियों द्वारा पीटा जाना, उनके हाथ से लैपटोप, मोबाइल फोन आदि कीमती चीजें छीन लेना, उनके घरों में घुसकर लूटपाट करना, उनके वाहनों को जला देना, यह सब चिंताजनक स्तर तक बढ़ गया है।
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73 ई. पू. के उत्तरार्ध और 72 ई.पू. के पूर्वार्ध की घटनाओं पर आधारित तथ्य यह सुझाव देते हैं कि दासों के ऐसे समूह थे जो स्वतन्त्र संचालन कर रहे थे और प्लूटार्क का बयान है कि भागे हुए दासों में से कुछ ने आल्प्स जाने की बजाये इटली में लूटपाट करना पसंद किया, आधुनिक लेखकों ने एक गुटीय विभाजन का अनुमान लगाया है जिसके तहत जो दास स्पार्टाकस के साथ थे वे आल्प्स जा कर स्वतंत्र हो जाना चाहते थे जबकि क्रिक्सस के तहत जो दास थे वे दक्षिणी इटली में रह कर लूट जारी रखना चाहते थे.