Ans:-96 दिन के लिए नाक छेदन करवा कर चाँदी धारण करे, 43 दिन खाली मटका जल प्रवाह करें, लोहे का छल्ला बीच वाली उंगली मे धारण करे और तांबे के छेड़ वाला पैसा गले मे पहने.
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दिन के लिए नाक छेदन करवा कर चाँदी धारण करे, 43 दिन खाली मटका जल प्रवाह करें, लोहे का छल्ला बीच वाली उंगली मे धारण करे, (बुध गुरु सर्वा मार्तंड यंत्रा गले मे धारण करे, और तांबे के छेड़ वाला पैसा गले मे पहने)
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इस मूसल के निचले सिरे पर लोहे का छल्ला लगा रहता है, जो अनाज की भूसी निकालने में सहायक होता है, ओखली को उठाने के लिए ये आधार की तख्तियाँ, तिरछी लकड़ी और उनसे जुड़ी लंबी लकड़ी व पैडल लीवर का काम करते हैं।
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लोहे का छल्ला ः यह छल्ला शनि ग्रह की अनुकूलता के लिए शनिवार को स ा य ं क ा ल गंगाजल, धूप, दीप आदि से पूजन व शनि मंत्र का 108 बार उच्चारण करके दायें हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए।
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इस मूसल के निचले सिरे पर लोहे का छल्ला लगा रहता है, जो अनाज की भूसी निकालने में सहायक होता है, ओखली को उठाने के लिए ये आधार की तख्तियाँ, तिरछी लकड़ी और उनसे जुड़ी लंबी लकड़ी व पैडल लीवर का काम करते हैं।
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मुझ पर यह सितम! मुझ पर यह कहर! मैंने कभी नए जूते नहीं पहने, बरसों कपड़े में थिगलियाँ लगा-लगाकर दिन काटे, बच्चे मिठाइयों को तरस-तरसकर रह जाते थे, बीबी को सिर के लिए तेल भी मयस्सर न होता था, चूड़ियाँ पहनना नसीब न था, हमने फाके किए, जेवर और कपड़ों की कौन कहे, ईद के दिन भी बच्चों को नए कपड़े न मिलते थे, कभी इतना हौसला न हुआ कि बीबी के लिए एक लोहे का छल्ला बनवाता! उलटे उसके सारे गहने बेच-बेचकर खिला दिए।