उल्लंघन के मामलों में: बन्दियों के बुनियादी अधिकारों के रोजमर्रा हनन, शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न, सेहत और चिकित्सा से वंचित किया जाना, जेलों में क्षमता से ज्यादा बन्दियों का होना तथा स्नान-शौचादि की सहूलियत का अभाव गौरतलब हैं ।
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उल्लंघन के मामलों में: बन्दियों के बुनियादी अधिकारों के रोजमर्रा हनन, शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न, सेहत और चिकित्सा से वंचित किया जाना, जेलों में क्षमता से ज्यादा बन्दियों का होना तथा स्नान-शौचादि की सहूलियत का अभाव गौरतलब हैं ।
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उन्होंने जोर देकर कहा है उन लोगों को बुनियादी सेवाओं से वंचित किया जाना, कि उनके अधिकारों का उल्लंघन होना और यह सच कि उनकी पहचान की वजह से उनके साथ भेदभाव हो रहा है, यह अन्याय है और एक अस्वीकार्य बात है।
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निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय में प्रस्ताव रखा है कि यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ अदालत ने पांच साल या इससे अधिक की सजा के दंडनीय अपराध के आरोप में अभियोग निर्धारित कर दिया है तो उसे चुनाव लडने से वंचित किया जाना चाहिए।
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क्या आपने कभी राष्ट्रपति को ऐसा बयान देते देखा है कि फलाँ राजनैतिक दल के पोलित ब्यूरो या कार्यसमिति को इस मुद्दे पर माफी मांगनी चाहिए या फिर फलां दल के नेताओं को चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने से वंचित किया जाना चाहिए?
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राजनीति का अपराधीकरण प्रदेश को लगातार नुकसान पहुंचा रहा है, जबकि प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती कहती हैं कि जब तक किसी अभियुक्त पर अपराध सिद्ध नहीं हो जाता, उसे सजा नहीं हो जाती, तब तक उसे चुनाव लडने से वंचित किया जाना उचित नहीं है.
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अंत में, यदि संसार में हज़ारों बड़े-बड़े लोगों की करनी को गुप्त रखना और उन्हें यश से वंचित किया जाना सही होता तो आत्मकथाएँ न लिखी जातीं और न पढ़ी जातीं, न अभिनंदन समारोह आयोजित किए जाते, पुण्यतिथियाँ और जन्मशताब्दियाँ न मनाई जातीं।
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नई दिल्ली-!-चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में प्रस्ताव रखा है कि यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ अदालत ने पांच साल या इससे अधिक की सजा के दंडनीय अपराध के आरोप में अभियोग निर्धारित कर दिया है, तो उसे चुनाव लडने से वंचित किया जाना चाहिए।
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इसके अलावा मंच पर सुब्रह्यण्यम स्वामी भी स्थान पाए जिन्होंने पिछले दिनों एक अख़बारी लेख में यह लिखा था कि मुसलमान अगर अपनी “हिन्दु विरासत ' ' से इन्कार कर दें तो उन्हें मताधिकार से वंचित किया जाना चाहिए।” उनके मुताबिक टीम अण्णा के सदस्यों-अरविन्द केजरीवाल, किरण बेदी-पर भी कई सवाल हैं।
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करीब दस साल पहले प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में एक संसदीय समिति बनी थी, जिसने सुझाव दिया था कि सिविल सेवा परीक्षाओं में सम्मिलित होने से इंजीनियरों और डाक्टरों को वंचित किया जाना चाहिए, क्योंकि वे प्रचुर सबसिडी प्राप्त विशेषज्ञ शिक्षा प्राप्त करते हैं, पर देश को उनकी विशेषज्ञता का कोई लाभ नहीं मिलता।