| 31. | वंदन करता हूँ आपके इन्ही तेवरों को.
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| 32. | अहो ऐसे महादृश्य का वंदन करो मित्र!
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| 33. | वंदन मेरे देश-तेरा वंदन मेरे देश-चंद्रसेन विराट
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| 34. | वंदन मेरे देश-तेरा वंदन मेरे देश-चंद्रसेन विराट
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| 35. | धूर्त, दलाल, स्वार्थी चमचे, करते वंदन अभिनन्दन॥
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| 36. | नत-मस्तक वंदन करे, आशीष दो उपहार।।
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| 37. | कैसे वंदन करूं आज स्वतंत्र तंत्र का..
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| 38. | -घर में संध्या वंदन से एक, गो
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| 39. | मर्यादा-पुरुषोत्तम राम अर्चन वंदन करे सदा मन
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| 40. | कार्यकर्ताओं ने ध्वजा वंदन की शुरुआत की थी।
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