| 31. | गुरुदेव ने कहा होगा ; ” मात्र एक ही मार्ग है वत् स.
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| 32. | वत् स ने गुरुजी की आज्ञा मान गृहस् थ जीवन में प्रवेश किया।
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| 33. | आज उसका इस पर कोई स् वत् व, कोई अधिकार न था।
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| 34. | …. सत् वं निर्मलत् वत् प्रकाशकमनामयम्, सुख् ा संगेनबध् नाति ज्ञानसंगेन चानघ।
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| 35. | वत् स, किंतु यदि लोग न समझें, करें तुम् हें अपमानित?
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| 36. | गुरूजी मुस् कराये, '' कहो वत् स, कुशल तो है? ''
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| 37. | ' ' हे वत् स! अब मैं माफिया की कार्यविधि का वर्णन करता हूँ।
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| 38. | मेरे रहते उपाय न रहे ऐसा सपने में भी न सोचना वत् स. ”
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| 39. | कोनो हमको बातइस रहिन कि ई बुढिया कोनो पत् तरकार वत् तरकार है ।
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| 40. | वत् स! गृहस् थ जीवन में इन् हीं बातों का महत्त् व है।
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