कभी भोजपुरी फिल्म की अभिनेत्रियों के साथ फोटों खिंचवाने तो कभी उगाही कर वनभोज करने के लिए मारामारी करने की बाद भी देवघर के पत्रकार अपनी आदतों से बाज नहीं आते है.
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श्री गुजराती ब्रह्म्ïा समाज के मनोज भाई व योगेश दवे बताते हैं कि हर साल रक्षाबंधन से दिन सामूहिक रूप से यज्ञोपवित बदलने का कार्यक्रम होता है और हरा साल वार्षिक वनभोज का भी आयोजन होता है।
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इसने आधुनिक और पौराणिक लक्षणों को प्राप्त कर लिया है उन दोनों तरह के यात्रियों के लिए जो हिमनदी की यात्रा कर चुके हैं और ऐसे सम्भावित लोग जिन्हें इन स्थानीय घासयुक्त ढलानों और वनभोज पर जाने के स्थानों का अनुभव लेना है।