कसमों में बंधे हुए कि जन्म-जन्मान्तर में एक दूसरे का साथ निभायेंगे... मगर फिर अलग हो गये... नौजवान फ़ौज में चला गया... गया तो लौट कर नहीं आया... लापता हो गया.. लोगों ने कहा मर गया... मगर महबूबा अटल थी... बोली... वो लौटेगा ज़रूर... लौटेगा... पूरे चालीस सालों तक साधना में रही... वफ़ादारी से इंतज़ार किया... आख़िर एक रोज़ महबूब का संदेसा मिला...
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मुहब्बत में वफ़ादारी से बचिये जहाँ तक हो अदाकारी से बचिये हर एक सूरत भली लगती है कुछ दिन लहू की शोबदाकारी [1] से बचिये शराफ़त आदमियत दर्द-मन्दी बड़े शहरों में बीमारी से बचिये ज़रूरी क्या हर एक महफ़िल में आना तक़ल्लुफ़ की रवादारी [2] से बचिये बिना पैरों के सर चलते नहीं हैं बुज़ुर्गों की समझदारी से बचिये …
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आज हम सुनेंगे अंतरकलीसियाई एकता और विश्वासियों की एकता के बारे।58. श्रोताओ, हम आपको बता दें कि मध्यपूर्व की कलीसिया की महासभा के पूर्व जो समिति बनी उसने इस बात पर बल दिया है कि जो मसीह के सेवक और उसकी सेवा के लिये समर्पित भाई और बहन हैं तथा ऐसे लोग जो उनका नज़दीकी से अनुसरण करना चाहते हैं उन्हें चाहिये कि वे अपने समुदाय के लिये आध्यात्मिक और नैतिक नेतृत्व की ज़िम्मेदारी वफ़ादारी से निभायें।
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लेकिन इस मुगलिस्तान के योजनाकारों को भारत में बैठे “ सेकुलरों ”, “ बुद्धिजीवियों ”, “ कांग्रेस ”, NDTV-CNNIBN जैसे चैनलों पर पूरा भरोसा है और ये इनका साथ वफ़ादारी से दे भी रहे हैं … बाकी का काम हिन्दू खुद ही दलित-ब्राह्मण-तमिल-मराठी जैसे विवादों में विभाजित होकर कर रहे हैं, जो यदि अब भी जल्दी से जल्दी नहीं जागे तो अगली पीढ़ी में ही खत्म होने की कगार पर पहुँच जायेंगे …
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विजय व अरविंद के पत्र अर्जुन की वफ़ादारी से भरे थे / ग-जट एक सरकारी दस्तावेज़ होता है जो हर ज़िला मे उपलब्ध होता है/ इसकी जानकारी पुख़्ता होती है क्योकि इसे 1857 के पहले से ब्रिटिश सरकार व अब हमारी सरकार तथ्यो के आधार पर बनाती आ रही है-फिर अर्जुन सिंह के परिवार की जानकारी ग़लत केसे होगी??? उनकी सरकार है,वे मंत्री है यदि ग़लत आरोप है तो वो कुछ भी कर सकते है-पर अब तक ख़ामोश क्यो है???
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बरिस्त-कांग्रेसी किसी परिवार के तीन पीढ़ी-ओ तक वफ़ादार रह सकते है इसका उदाहरण अर्जुन सिंह ने पेश किया-पर इस पीढ़ी से आवाज़ आई== ' कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से, ये नये मिज़ाज का शहर (पीढ़ी) है ज़रा फ़ासले से मिला करो //-ऐसे होनहार,विचारक लोगो ने अपने जीवन की 25 प्रतिशत उर्जा भी देश हित मे लगाई होती तो यह देश, विकास के रास्ते पर 20 साल आगे होता जो वफ़ादारी से लाख गुना बड़ा कार्य होता /// प्रवाल