अनुवाद:-पूर्ण परमात्मा की महिमा के (मूरा) मूल अर्थात् आदि व (अमूर) अन्त को (वयम्) हम (न चिकत्वः) नहीं जानते।
32.
4. हम जब भी ऐसा कुछ करें, सम् पूर्ण सदाशयता से करें, स् वयम् को श्रेष् ठ और सामने वाले को हेय प्रमाणित करने की मानसिकता से नहीं ।
33.
अनूप जी क्षमा करें मैं ये बात इसलिये कह रहा हूं कि मुझे स् वयम् का व् यवहार देखो में व् याकरण से ज् यादा बात की समस् या लग रही थी ।
34.
भोपाली पत्रकारिता जिस, भांग घुले कुए का पानी पी कर स् वयम् को धन् य और गर्वित अनुभव करती रही है, उस कुए का पानी अविनाश ने पीना कबूल नहीं किया।
35.
इनके द्वारा लिखे गए प्रमुख ग्रन्थों में वैशाली की नगर वधु, वयम् रक्षामं:, गोली, धर्मपुत्र, सोना और खून, सोमनाथ, निरोग जीवन, यादों की परछाईयां आदि हैं।
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**** रावण पर रचना **** वाल्मीकि रामायण और रामचरित रामायण में तो रावण का वर्णन मिलता ही है किंतु आधुनिक काल में आचार्य चतुरसेन द्वारा रावण पर ' वयम् रक्षामः ' नामक बहुचर्चित उपन्यासलिखा गया है।
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यह शीर्षक इस सेवा की प्रतिबद्धता और संकल् प को प्रदर्शित करता है जो इसके आदर्श वाक् य ' वयम् रक्षाम: ' में प्रतिबिंबित है, जिसका अर्थ है ' हम रक्षा करते है ' ।
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क् योंकि लोक साहित् य से वर्तमान रचनाधर्मिता का अधिकांशतः कट जाना और केवल छपास और सस् ती लोकप्रियता को आस् था का केंद्र-बिंदु बनाकर स् वयम् को पूरी तरह निवेशित करते जाना अत् यंत चिंताजनक है।
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भेज दिया, साथ में संस्कृत की एक सूक्ति भी जड़ दी-' गंगातीरमपि त्यजंति मलिनं ते राजहंसा वयम् ' यानी यदि तुम्हें लगे कि पुरस्कार की देयता में कुछ मलिनता या दाग की प्रतीति है तो कृपया नाम मत भेजना।
40.
शब्द जो मकरंद बने, सांझ्ा की झंकार (कविता संग्रह), अहम् से वयम् तक (निबन्ध संग्रह), सैलाबी तटबन्ध (उपन्यास), अरण्य में सूरज (उपन्यास), हम गुलेलची (व्यंग्य संग्रह), बौर तो आए (निबन्ध संग्रह), सोने का पिंजर (अमेरिका-यात्रा का संस्मरण) इत्यादि इनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं।