तुलसी का वर्णहीन मुख वैसे ही खिल गया, जैसे वर्षा के पीछे वृक्षों की पत्तियॉँ खिल जाती हैं।
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ये शुद्ध रूप में वर्णहीन होते है, पर अपद्रव्यों के कारण इनमें कुछ नीली आभा आ जाती है।
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देखने में जलोदर का द्रव प्राय: वर्णहीन होता है, थोड़ा रक्तयुक्त होने पर हरिद्वर्ण या रक्तवर्ण, थोड़ा पित्तयुक्त होने पर पीतवर्ण और वसापायस (
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विदेशियों की भांति सफेद चमड़ी लिए इस भारतीय परिवार ने दुनियां के सबसे विशाल अल्बिनो (वर्णहीन) परिवार होने के कारण विश्व रिकॉर्ड कायम किया है.
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इसका वर्णहीन टेट्राक्लोराइड द्रव (क्वथनांक 83 डिग्री सें.), टेट्राब्रोमाइट रंगहीन और टेट्राआयोडाइड नारंगी रंग का ठोस होता है, जो क्रमश: 26.8 डिग्री और 144 डिग्री सें. पर पिघलता है।
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यह नमक इतना अधिक वर्णहीन एवं पारदर्शक है कि यदि नमक की 10 फुट मोटी दीवाल के एक ओर प्रकाशपुंज रखा जाए तो दूसरी ओर कोई भी व्यक्ति सरलता से पढ़ सकता है।
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जहां मीज़ल्स यानी खसरा में लाल चिकत्ते (रेड रेशिश) सारे शरीर पर हो जातें हैं वहीँ जर्मन मीज़ल्स में चमड़ी पर बदरंग (वर्णहीन) चिक्त्ते छा जा जातें हैं.
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यह नमक इतना अधिक वर्णहीन एवं पारदर्शक है कि यदि नमक की 10 फुट मोटी दीवाल के एक ओर प्रकाशपुंज रखा जाए तो दूसरी ओर कोई भी व्यक्ति सरलता से पढ़ सकता है।
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जब तक ये शक्तियाँ सामाजिक संरचना का संचालन करती रहेंगी, तब तक न तो आर्थिक क्रांति और न विकास के साथ संपत्ति का समीकरण वर्गहीन और वर्णहीन समाज का निर्माण कर सकेगा।
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यह नमक इतना अधिक वर्णहीन एवं पारदर्शक है कि यदि नमक की 10 फुट मोटी दीवाल के एक ओर प्रकाशपुंज रखा जाए तो दूसरी ओर कोई भी व्यक्ति सरलता से पढ़ सकता है।