| 31. | अपेक्षा उसकी प्रधानता संदिग्ध रहती है या वाच्यार्थ व्यंग्यार्थ की बराबर
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| 32. | कथ्यार्थ या वाच्यार्थ के निर्धारण हेतु, अनेकांत एक प्रमुख पद्धति है”।
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| 33. | वाच्यार्थ में अथवालक्ष्यार्थ या व्यंग्यार्थ में? इसका बेधड़क उत्तर यही है
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| 34. | अत: इन स्थलों के वाच्यार्थ को अप्रस्तुत नहीं कह सकते।
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| 35. | उपादान लक्षणा में वाच्यार्थ का उपादान लाक्षणिक पद में होना चाहिए।
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| 36. | व्यंग्यार्थ में वाच्यार्थ से अतिशयता हो अर्थात् उत्तम काव्य, (2) जिसके
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| 37. | जिसका वाच्यार्थ बहुत ही अत्युक्त, व्याहत और बुद्धि को सर्वथा अग्राह्य
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| 38. | पद्मावती और रत्नसेन के पक्ष में वाच्यार्थ की प्रतीति के साथ ही
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| 39. | फिर भी मंत्रों में प्रयुक्त सभी बीजों का एक वाच्यार्थ होता है।
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| 40. | प्रकार वाच्यार्थ के प्रस्तुत और व्यंग्यार्थ के अप्रस्तुत होने से ऐसी जगह
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