| 31. | दक्षिणावर्ती शंख: संसार में जितने भी प्रकार के शंखों की प्रजातियां पाई जाती हैं, अधिकतर वामावर्ती ही होती हैं।
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| 32. | वामावर्ती शंख के बजाने से समस्त ऋणात्मक ऊर्जाएं समाप्त होती हैं तथा आस-पास के वातावरण व आत्मा का शुद्धिकरण होता है।
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| 33. | घर के पूजास्थल में जो वामावर्ती शंख रखा जाता है उसे विष्णु का और दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है।
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| 34. | भारत में यह दक्षिणावर्ती (clockwise) है, पर कहीं वामावर्ती (anti-clockwise) स् वस्तिक चिन् ह भी प्रचलित था।
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| 35. | जो शंख दाहिने हाथ से पकड़ा जाता है, वह दक्षिणावर्ती तथा जो बाएं हाथ से पकड़ा जाता है वह वामावर्ती शंख कहलाता है।
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| 36. | इसमें वामावर्ती पूजा, यज्ञ आदि में, दक्षिणावर्ती अन्तः औषधि के रूप में, हेममुख बाह्य औषधि के रूप में, पुन्जिका विशानुघ्ना एवं नारायण दर्शन के लिये.
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| 37. | शंख विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे-मणि पुष्प, गणेश, विष्णु, गोमुखी, पौंड्र, मोती, टाइगर, दक्षिणावर्ती, वामावर्ती आदि।
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| 38. | वर्ष के शेष भाग में, वामावर्ती धाराएं दक्षिण-पश्चिमी दिशा में चलती हैं, जिन्हें पूर्व भारतीय शीतकालीन जेट (ईस्ट इण्डियन विन्टर जेट) कहा जाता है।
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| 39. | 8. हमारे सोलर सिस्टम में सभी ग्रह वामावर्ती दिशा में घूमते हैं परंतु शुक्र एक ऐसा ग्रह है जो घड़ी की सूई की दिशा में घूमता है।
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| 40. | यह दक्षिणावर्ती (क्युमिन तेल में) और वामावर्ती (सिल्वर फर के कोन (cone) के तेल में), दोनों रूपों में पाया जाता है।
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