यदि वास्तविक उपयोक्ता किसी परिस्थिति में उपर्युक्त पैरा ३५ का पालन करनेमें असमर्थ है तो वह मुख्य नियंत्रक, आयात निर्यात, नई दिल्ली से लिखित रूपमें पूर्व अनुमति मांग सकता है, परन्तु वह अपने वर्तमान रजिस्टर को अपने पूर्णसामर्थ्य के साथ सुरक्षित (और उनका पोस्टिंग रखेगा) रखेगा.
32.
(३) इस प्रावधान के अन्तर्गत वास्तविक उपयोक्ता (औद्योगिक) द्वारा प्राप्त कियेगये आयात लाइसेंस के मूल्य की सूचना महानिदेशक, तकनीकी विकास, नई दिल्ली को भेजीजानी चाहिये ताकि महानिदेशक, तकनीकी विकास बास्तविक उपयोक्ता द्वारा ग्राहकों कोकिस दर्जे की सेवा प्रदान की गई है उस पर निगरानी रख सके.
33.
(२) वास्तविक उपयोक्ता (गैर-औद्योगिक) को इस नीति के उद्देश्य के लिए राज्य केउद्योग निदेशकों के साथ स्वयं को पंजीकृत कराने की आवश्यकता नहीं है, यद्यपि कुछमामलों में आयात-नीति के लिए उनके आयात-नीति के लिए उनके आयात आनेदनपत्रों कोराज्य के उद्योग निदेशकों की सिफारिश की आवश्यकता है.
34.
(२) व्यापार सदन, निर्यात सदन, वास्तविक उपयेक्ताओं की संसथाएं या सहकारीसमितियां या सार्वजनिक क्षेत्र के अभिकरण जिन्हें लागू आयात-निर्यात नीति केअन्तर्गत वास्तविक उपयोक्ताओ को आयातित माल संभरण करने का कार्य सौंपा गया है, से वास्तविक उपयोक्ता द्वारा अधिप्राप्त आयातित माल भी 'वास्तविक उपयोक्ता' शर्तके अधीन होगा.
35.
यदि वास्तविक उपयोक्ता किसी परिस्थिति में उपर्युक्त पैरा ३५ का पालन करनेमें असमर्थ है तो वह मुख्य नियंत्रक, आयात निर्यात, नई दिल्ली से लिखित रूपमें पूर्व अनुमति मांग सकता है, परन्तु वह अपने वर्तमान रजिस्टर को अपने पूर्णसामर्थ्य के साथ सुरक्षित (और उनका पोस्टिंग रखेगा) रखेगा.
36.
(३) इस प्रावधान के अन्तर्गत वास्तविक उपयोक्ता (औद्योगिक) द्वारा प्राप्त कियेगये आयात लाइसेंस के मूल्य की सूचना महानिदेशक, तकनीकी विकास, नई दिल्ली को भेजीजानी चाहिये ताकि महानिदेशक, तकनीकी विकास बास्तविक उपयोक्ता द्वारा ग्राहकों कोकिस दर्जे की सेवा प्रदान की गई है उस पर निगरानी रख सके.
37.
(४) प्रायोजक प्राधिकारी जब पूरक लाइसेंस के आवेदन पत्र की सिफारिश कर रहा हो तबउन्हें अपनी सिफारिश में उस कारण का भी उल्लेख करना चाहिए जिसके लिये उनकेद्वारा सिफारिश की गई मदें आवश्यक हैं और वास्तविक उपयोक्ता की जरूरतें आटोमेटिकलाइसेन्स या देशी स्रोतों के आयात के अन्य प्राधिकृत माध्यम से पूरी हो सकतीहों.
38.
(४) प्रायोजक प्राधिकारी जब पूरक लाइसेंस के आवेदन पत्र की सिफारिश कर रहा हो तबउन्हें अपनी सिफारिश में उस कारण का भी उल्लेख करना चाहिए जिसके लिये उनकेद्वारा सिफारिश की गई मदें आवश्यक हैं और वास्तविक उपयोक्ता की जरूरतें आटोमेटिकलाइसेन्स या देशी स्रोतों के आयात के अन्य प्राधिकृत माध्यम से पूरी हो सकतीहों.
39.
(ख) वास्तविक उपयोक्ता (गैर-औद्योगिक) अर्थात् अनुसंधान एवं विकास एकक आदि जो१९८४-८५ की आयात-निर्यात नीति के पैरा ४८ के अन्तर्गत आते है, उन्हैं खुलेसामान्य लाइसेंस के अधीन प्राराभिक फालतू पुर्जो के साथ कम्प्युटर सिस्टम का आयातकरने की अनुमति होगी, यदि वे आन्यथा रुप से स्वीकृत है तो यह अनुमति केवलइलैक्ट्रानिक विभाग से उनके द्वारा प्राप्त की गई पूर्व आयात निकासी के आधार परही दी जाएगी.
40.
(१) वास्तविक उपयोक्ता और पंजीकृत निर्यातकों द्वारा आयातित माल के उपयोगकी जांच के लिए, लाइसेंस प्राधिकारी स्वयं या राज्य औद्योगिक निदेशक से और अन्यप्रायोजक प्राधिकारी से परामर्श कर वास्तविक उपयोक्ताओं ने जिस सीमा तक और जिसतरीके से आयतित माल का उपयोग किया है, उसकी एक दम या चयनात्मक या व्यापक आधार परजांच करेंगे और यह जांच उन शर्तों को ध्यान में रखकर करेंगे जिन शर्तों के अधीनऐसे माल के आयात/आबंटन की अनुमति दी गई थी.