अभी भी साइकिल से ही कार्यालय जाते हैं रॉकेट अनुसंधानकर्ता भले ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] में इनका काम राकेट के डिजाइन तैयार करना हो, लेकिन विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के सहायक निदेशक डा. वी. आदिमूर्ति पिछले 20 वर्ष से अपने कार्यालय तक आने-जाने के लिए साइकिल का ही इस्तेमाल करते हैं।
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इसके अलावा केरल के राजनीतिक नसों का केंद्र होने से, यह भी एक प्रमुख शैक्षणिक हब है और केरल के विश्वविद्यालय सहित कई शिक्षण संस्थानों के लिए घर है, और कई विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों के लिए, सबसे प्रमुख विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र जा रहा है (वीएसएससी), टेक्नोपार्क, भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) और भारतीय विज्ञान संस्थान, शिक्षा और अनुसंधान (आईआईएसईआर).
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उनके जिस एक निर्णय की मैं सदैव प्रशंसा करता रहूँगा वह यह था कि एक बार जब एस. एल.वी.-3 जैसे किसी कार्यक्रम को मंजूरी मिल जाती है तो अंतरिक्ष विभाग सहित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जैसे विभिन्न संगठनों की प्रयोगशालाओं एवं केंद्रों को कार्यक्रम के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए टीम के रूप में साथ-साथ काम करना होगा।
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उन्होंने इसरो में प्रशंसनीय रूप से कई निर्णायक पदों पर कार्य किया, जैसे प्रादेशिक सुदूर संवेदन केंद्रों की स्थापना के परियोजना निदेशक (1987-1989); संपूर्ण इसरो के बजट और आर्थिक विश्लेषण के निदेशक (1987-97), राष्ट्रीय प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्रणाली-प्रादेशिक सुदूर संवेदन सेवा केंद्र के निदेशक (1989-97) दीर्घकालीन विकास के लिए समेकित मिशन के मिशन निदेशक तथा राष्ट्रीय सुदूर संवेदन एजेंसी के उप निदेशक (1997-2000); राष्ट्रीय सुदूर संवेदन एजेंसी के निदेशक (2005-08); विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक (2007-09); तथा कुछ समवर्ती उत्तरदायित्वों के साथ सदस्य, अंतरिक्ष आयोग (अक्तूबर 2008-अक्तूबर 2009)।